डिजिटल डेस्क। रूस के सुदूर पूर्व में बुधवार तड़के शक्तिशाली भूकंप (earthquake) से दहशत फैल गई। जिससे जापान, हवाई और प्रशांत महासागर में सुनामी (Tsunami) की लहरें उठीं। अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने लोगों को तटरेखाओं से दूर रहने की चेतावनी दी है और कहा है कि खतरा एक दिन से ज़्यादा समय तक रह सकता है।
रूस में कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के केंद्र के पास स्थित बंदरगाहों में पानी भर गया, जिससे निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा, और उत्तरी जापान में झागदार, सफ़ेद लहरें तट तक आ गईं। हवाई की राजधानी में सड़कों और राजमार्गों पर गाड़ियों का जाम लग गया, यहाँ तक कि तटरेखा से दूर के इलाकों में भी यातायात ठप हो गया। जापान के प्रभावित इलाकों में लोग 2011 के भूकंप और सुनामी की यादें ताज़ा करते हुए निकासी केंद्रों की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके कारण एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में रिएक्टर पिघल गए थे। बुधवार को जापान के परमाणु संयंत्रों के संचालन में किसी भी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली।
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जो पृथ्वी की सतह पर हलचल पैदा करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए एक विशेष पैमाना उपयोग किया जाता है, जिसे रिक्टर स्केल कहते हैं। यह स्केल न केवल भूकंप की शक्ति को मापता है, बल्कि इसके प्रभाव को समझने में भी मदद करता है। आइए जानते हैं कि रिक्टर स्केल क्या है और यह कैसे काम करता है।
रिक्टर स्केल एक वैज्ञानिक पैमाना है, जिसे 1935 में अमेरिकी भूकंपविज्ञानी चार्ल्स फ्रांसिस रिक्टर ने विकसित किया था। यह भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए उपयोग किया जाता है, जो पृथ्वी के भीतर उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को संख्यात्मक रूप में दर्शाता है। यह 0 से 10 या उससे अधिक की संख्याओं पर आधारित है, जहां हर एक अंक की वृद्धि भूकंप की तीव्रता को 10 गुना बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए, 5.0 की तीव्रता वाला भूकंप 4.0 की तीव्रता वाले भूकंप से 10 गुना अधिक शक्तिशाली होता है।
यह स्केल सिस्मोग्राफ नामक यंत्र से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर काम करता है, जो भूकंप के दौरान पृथ्वी की सतह पर होने वाली कंपन को रिकॉर्ड करता है। सिस्मोग्राफ भूकंप की तरंगों की तीव्रता और अवधि को मापता है, जिसे बाद में रिक्टर स्केल पर परिवर्तित किया जाता है।
भूकंप की तीव्रता का पता लगाने के लिए सिस्मोग्राफ स्टेशनों पर लगे संवेदनशील उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण पृथ्वी की सतह पर होने वाली सूक्ष्म से सूक्ष्म कंपन को भी रिकॉर्ड करते हैं। भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए निम्नलिखित कारकों को ध्यान में रखा जाता है:
आपको बता दें कि रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर महसूस नहीं होते, जबकि 6.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 8.0 से अधिक तीव्रता के भूकंप को "महा-भूकंप" माना जाता है, जो व्यापक विनाश का कारण बनते हैं।
हालांकि, रिक्टर स्केल के अलावा मर्कल्ली स्केल जैसे अन्य पैमाने भी हैं, जो भूकंप के प्रभाव को इंसानों और संरचनाओं पर आधारित मापते हैं। फिर भी, रिक्टर स्केल अपनी सटीकता और वैज्ञानिक आधार के कारण सबसे लोकप्रिय है।
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