
डिजिटल डेस्क। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तर भारत के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कश्मीर में मौसम की पहली बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने कोहरे और शीतलहर ने जनजीवन को थाम दिया है। खराब मौसम का असर यातायात और प्रमुख दौरों पर भी पड़ा है।
आज से कश्मीर में चिल्ले कलां की शुरुआत
कश्मीर में पहली बर्फबारी के साथ ही हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में भी हिमपात जारी है। उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। उत्तर प्रदेश में भीषण ठंड को देखते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक घने कोहरे और शीतलहर की चेतावनी दी है।
दिल्ली में शनिवार इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। पंजाब से बिहार और झारखंड तक शीतलहर का असर दिखाई दिया। खराब मौसम के चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा) दौरा भी रद करना पड़ा, जहां उन्हें एसएसबी के स्थापना समारोह में शामिल होना था। कोहरे की वजह से कई उड़ानें रद हुईं और दर्जनों ट्रेनें देरी से चलीं।
दिल्ली में शीतलहर की आधिकारिक घोषणा
मौसम विभाग ने राजधानी में शीतलहर चलने की घोषणा की है। मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे जाने, अथवा सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री कम होने पर शीतलहर मानी जाती है। तापमान 2 डिग्री या उससे नीचे पहुंचने अथवा सामान्य से 6.5 डिग्री की गिरावट पर भीषण शीतलहर घोषित की जाती है।
यूपी में कोहरे का कहर
पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक कई जिलों में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक घना कोहरा छाया रहा। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर वाहन धीमी रफ्तार से चले। कानपुर, बरेली सहित कई जिलों में स्कूल बंद रहे, जबकि बुंदेलखंड के कुछ जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया।
प्रदेश में बुलंदशहर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लखीमपुर खीरी में 8 और बाराबंकी में 8.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। वाराणसी में दिन और रात के तापमान के बीच अंतर सबसे कम 3.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अगले तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बारिश और बर्फबारी की प्रबल संभावना है।
घाटी में 40 दिन का चिल्ले कलां
कश्मीर घाटी में रविवार से 40 दिन का सबसे कड़ा सर्दी का दौर ‘चिल्ले कलां’ शुरू हो रहा है, जो 30 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान भारी हिमपात होता है और तापमान शून्य से नीचे बना रहता है, जिससे जलस्रोत तक जम जाते हैं। हालात से निपटने के लिए आम लोग तैयार हैं और प्रशासन ने बर्फ हटाने की मशीनें भी तैनात कर दी हैं।
IGI एयरपोर्ट पर 138 उड़ानें रद, 700 से ज्यादा विलंबित
कम दृश्यता के कारण IGI एयरपोर्ट पर 138 उड़ानें रद की गईं, इनमें 69 आगमन और 69 प्रस्थान शामिल हैं। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के अनुसार एयरपोर्ट पर ‘लो विजिबिलिटी प्रोसीजर’ लागू किया गया। करीब 700 उड़ानें देरी से चलीं। सुरक्षित लैंडिंग के लिए सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक कैट-3बी प्रोटोकॉल लागू रहा। सात उड़ानों को जयपुर, लखनऊ और अहमदाबाद डायवर्ट किया गया।
दिल्ली से देहरादून की उड़ान रद की गई, जबकि भुवनेश्वर-देहरादून उड़ान को जयपुर डायवर्ट किया गया। पटना एयरपोर्ट पर नौ आगमन और 15 प्रस्थान उड़ानें 30 मिनट से तीन घंटे तक लेट रहीं। झारखंड में रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर दोपहर 12 बजे के बाद लैंडिंग शुरू हुई।
70 से अधिक ट्रेनें देर से पहुंचीं
दिल्ली आने वाली 70 से ज्यादा ट्रेनें दो घंटे से अधिक की देरी से पहुंचीं। राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत, दुरंतो और हमसफर जैसी प्रमुख ट्रेनें भी प्रभावित रहीं। नई दिल्ली–लखनऊ तेजस एक्सप्रेस ढाई घंटे, नई दिल्ली–कालका शताब्दी दो घंटे और नई दिल्ली–राजेंद्र नगर राजधानी एक्सप्रेस करीब दो घंटे लेट पहुंची।
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