
विमल पांडेय, बांदा। जल है तो कल है और जल ही जीवन है जैसी बातें अब बुंदेलियों के जेहन में उतर चुकी है। बांदा में गांव-गांव आयोजित हुईं जल चौपालें इस बात की गवाह हैं। इसके तहत तालाब-कुआं जियाओ अभियान ने भी गति पकड़ ली है। जल संरक्षण की इस अनूठी पहल की गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गई। जिसके बाद जल शक्ति मंत्रालय ने इस अभियान का जायजा लिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांदा, उप्र की जनसभा में कहा था कि अब बारी है बुंदेलखंड में पानी की समस्याओं से निपटने की। प्रधानमंत्री के इस बात ने बुंदेलियों में जोश भर दिया। चुनाव बाद ही यहां जल संरक्षण के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया गया। पहले चरण में गांव-गांव जल चौपालें आयोजित की गईं, फिर दूसरे चरण में तालाब-कुआं जियाओ अभियान शुरू हुआ। इसका नेतृत्व किया जिलाधिकारी हीरा लाल ने। विगत दिनों भारत सरकार के जल शक्तिमंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने स्थलीय निरीक्षण कर अभियान की जानकारी ली।
कुएं-तालाबों का पूजन और दीपदान जिला प्रशासन ने पहले चरण में भूजल बढ़ाओ, पेयजल बचाओ अभियान के तहत छह ब्लाकों में जल चौपालों का आयोजन किया। ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के बाद दूसरा चरण 10 मई से शुरू किया गया। इसे कुआं-तालाब जियाओ नाम दिया गया। अभियान में गांव-गांव तालाबों और कुओं का पूजन शुरू कराया गया। जिले की 471 ग्राम सभाओं में दीपदान कार्यक्रम हुआ। बांदा शहर के नवाब टैंक तालाब में प्रदेश के निर्वाचन आयुक्तवेंकेटेश्र्वर लू ने दीपदान किया था।
अभियान का एसा रहा असर
बड़ोखर ब्लाक के खहरा ग्राम निवासी किसान पंकज सिंह ने खुद के संसाधन से एक बीघा में तालाब का निर्माण कराया।
- उन्नतशील किसान प्रेम सिंह ने 10 बिस्वा में तालाब खोदवाया।
- बड़ोखर ब्लाक में मुड़ेरी गांव के किसान सोवरन सिंह ने एक बीघे में तालाब का निर्माण कराया।
- महुआ ब्लाक के पड़ुई ग्राम के नवल किशोर ने एक बीघे में तालाब का निर्माण कराया है।
अभियान के तहत हुए कार्य
पुराने तालाब : 2200
खुदवाए गए तालाब : 356
कुओं की संख्या : 7500
साफ किए गए कुएं : 3488
तालाबों में दीपदान : 2145
बांदा जिले के लोगों की जागरूकता निश्चित ही प्रेरक है। अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। जल्द ही यहां पेयजल समस्याओं का ठोस निस्तारण देखने को मिलेगा। - हीरा लाल, जिलाधिकारी, बांदा