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डिजिटल डेस्क। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति और बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के पिता और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का आज (4 दिसंबर 2025) 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दिल्ली बीजेपी ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। स्वराज कौशल देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं में गिने जाते थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति और कानून दोनों क्षेत्रों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। वह मिजोरम के पूर्व राज्यपाल भी रहे और सार्वजनिक जीवन में उनकी पहचान एक ईमानदार, तेज सोच वाले प्रशासक और ईमानदार नेता के रूप में थी।
सांसद एवं प्रदेश मंत्री सुश्री बांसुरी स्वराज जी के पिताजी श्री स्वराज कौशल जी का आज 4 दिसम्बर, 2025 को निधन हो गया है।
उनका अंतिम संस्कार आज 4 दिसम्बर, 2025 को सायं 4.30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जायेगा।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) December 4, 2025
वरिष्ठ अधिवक्ता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का अपनी पत्नी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रति समर्पण उनके जीवन के आखिरी वर्षों में सबसे ज्यादा नजर आया। जब सुषमा स्वराज अपनी गंभीर बीमारी और लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने के दौर से गुजर रही थीं, तब स्वराज कौशल ने एक चिंतित और समर्पित पति की भूमिका निभाई थी।
यही कारण था कि जब सुषमा स्वराज ने 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की, तो इस खबर से सबसे ज्यादा खुश शायद स्वराज कौशल ही हुए थे।

सुषमा स्वराज के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए, स्वराज कौशल ने बड़े ही प्यार भरे अंदाज़ में अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं। उन्होंने कहा था, "आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने आगे चुनाव न लड़ने का फैसला लिया। मुझे याद है, एक समय ऐसा भी आया जब मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था।"
उन्होंने आगे अपनी पत्नी के राजनीतिक सफर की लंबाई को रेखांकित करते हुए कहा था कि यह 1977 से चल रही एक मैराथन है, यानी पूरे 41 साल। उन्होंने याद दिलाया कि 1977 से अब तक जितने भी चुनाव हुए, सुषमा जी उनमें उतरीं (सिर्फ 1991 और 2004 को छोड़कर)। कौशल ने बताया कि सुषमा स्वराज ने चार बार लोकसभा, तीन बार राज्यसभा सदस्य के रूप में और तीन बार विधानसभा चुनाव भी जीते थे। उन्होंने कहा, "आप 25 साल की उम्र से चुनाव लड़ रही हैं। 41 साल तक चुनाव लड़ना सचमुच एक लंबी दौड़ है।"
अपने दिल की बात कहते हुए, कौशल ने मजाकिया अंदाज में एक पति का दर्द भी बयान किया था, जो लगातार अपनी महत्वाकांक्षी पत्नी के साथ कदम मिला रहा था। उन्होंने कहा था, "मैडम, मैं पिछले 46 सालों से आपके पीछे दौड़ रहा हूं। अब मैं 19 साल का नहीं हूं। कृपया, अब मेरी भी सांसें फूल रही हैं। धन्यवाद।"
यह किस्सा दिखाता है कि 2016 में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी सुषमा स्वराज के काम जारी रखने पर स्वराज कौशल कितने चिंतित थे और कैसे उन्होंने अपनी पत्नी को इस लंबी राजनीतिक दौड़ से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया, ताकि वह अपने स्वास्थ्य और निजी जीवन पर ध्यान दे सकें।
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