UPI Rules Change: 31 दिसंबर 2025 से बदल जाएगा यूपीआई का नियम, NPCI करने जा रहा पेमेंट्स से जुड़ा ये बड़ा बदलाव
Rules Change: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूपीआई सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। 31 दिसंबर 2025 तक सभी UPI ऐप्स में नई सुविधा लागू होगी, जिससे उपयोगकर्ता किसी भी ऐप से अपने सभी ट्रांजेक्शन और ऑटोपेमेंट्स को देख व मैनेज कर सकेंगे। साथ ही, फेस ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से सुरक्षा और पारदर्शिता और बढ़ेगी।
Publish Date: Thu, 09 Oct 2025 07:33:58 PM (IST)
Updated Date: Fri, 10 Oct 2025 02:32:49 AM (IST)
एनपीसीआई का नया नियम 31 दिसंबर से होगा लागूHighLights
- NPCI 31 दिसंबर से UPI में बड़ा बदलाव लाएगा।
- सभी यूपीआई ऐप्स पर एक जगह दिखेंगे ट्रांजेक्शन।
- फेस और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से बढ़ेगी सुरक्षा।
नईदुनिया प्रतिनिधि: नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआइ को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए 31 दिसंबर से एक अहम बदलाव करने वाला है। इस नए नियम के तहत अब उपयोगकर्ता किसी भी यूपीआइ एप से अपने सभी ट्रांजक्शन (Auto Payments) को देख और मैनेज कर सकेंगे, भले ही वे किसी अन्य एप पर बने हों।
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फाइनेंशियल प्लानिंग-आटो पेमेंट्स को ट्रैक करना होगा आसान
यह नई सुविधा 31 दिसंबर 2025 तक सभी UPI Apps और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को लागू करनी होगी। अब यदि आपके पास गूगल पे, फोन पे, पेटीएम या किसी अन्य एप पर ट्रांजेक्शन हैं, तो आप उन्हें किसी एक एप पर ही देखकर मैनेज कर पाएंगे। इससे फाइनेंशियल प्लानिंग करना और आटो पेमेंट्स को ट्रैक करना आसान हो जाएगा।
ट्रांजेक्शन पोर्टिंग अब होगी आसान
सीए पंकज शर्मा के मुताबिक इस सुविधा के तहत यूजर अपने ट्रांजेक्शन को किसी भी एप से दूसरे एप में ट्रांसफर कर सकता है। यानी अगर आप किसी एक एप से दूसरे पर स्विच करना चाहते हैं, तो अब आपको अपनी आटो-डेबिट सेटिंग्स को फिर से सेट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
NPCI ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया यूजर की इच्छा पर निर्भर होगी। किसी तरह का कैशबैक, नोटिफिकेशन या डिस्काउंट देकर पोर्टिंग के लिए यूजर को प्रलोभन नहीं दिया जाएगा।
एप्स के लिए नए दिशा-निर्देश
सभी यूपीआइ एप्स और बैंकिंग एप्स को मैनेज बैंक एकाउंट या यूपीआइ ओटीपी नाम से एक विशेष सेक्शन बनाना होगा, जहां यूजर अपने ट्रांजेक्शन को देख और पोर्ट कर सकें। साथ ही, इन एप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित और गोपनीय रहे। ट्रांजेक्शन से जुड़ी किसी भी जानकारी का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा।
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सुरक्षा के लिए नए आथेंटिकेशन फीचर
सीए पंकज शर्मा के मुताबिक यूपीआइ पेमेंट्स को और सुरक्षित बनाने के लिए एनपीसीआइ ने फेस आथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसे नए फीचर्स भी जोड़े हैं। अब यूजर्स UPI पिन सेट या रीसेट करते समय फेस आथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर सकेंगे।
इसके अलावा 5,000 तक के ट्रांजेक्शन के लिए मोबाइल का फिंगरप्रिंट या फेस आथेंटिकेशन उपयोग किया जा सकेगा। यह सिस्टम ट्रांजेक्शन को न सिर्फ तेज बनाएगा, बल्कि यूजर डेटा को भी बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा। भविष्य में इस ट्रांजेक्शन लिमिट को बढ़ाया भी जा सकता है।