डिजिटल डेस्क: जम्मू संभाग में मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। मंगलवार देर रात श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के अर्धकुंवारी क्षेत्र में भूस्खलन हुआ, जिसमें नौ श्रद्धालुओं की मौत और 22 घायल हो गए। डोडा जिले में बादल फटने से चार लोगों की जान गई। कुल मिलाकर अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने बताया कि भारी बारिश के कारण कटड़ा में भूस्खलन हुआ। घटनास्थल पर मौजूद श्राइन बोर्ड की आपदा प्रबंधन टीम और पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जम्मू में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। तवी और चिनाब सहित सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भगवतीनगर पुल की एक लेन धंस गई है, वहीं अन्य पुलों पर यातायात रोक दिया गया है। कठुआ और विजयपुर में पुल क्षतिग्रस्त होने से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग बंद कर दिया गया।
सांबा जिले में सेना ने खानाबदोश गुज्जर समुदाय के सात लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। भारी बारिश के कारण जम्मू का सड़क और रेल संपर्क कट चुका है। रेलवे ने जम्मू से आने-जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं। हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ा है, मंगलवार को 10 में से 4 उड़ानें रद्द कर दी गईं।
मौसम विभाग के अनुसार अगले 40 घंटों तक और बारिश की संभावना है। प्रशासन ने आपदा से निपटने के लिए सभी स्कूल और कॉलेज 27 अगस्त को बंद रखने का निर्णय लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया और NDRF की टीमें कटड़ा भेजी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर संभव राहत और बाढ़ नियंत्रण उपाय करने के निर्देश दिए। जम्मू में मंगलवार को 248 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1926 के बाद सबसे अधिक है। इससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
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