एजेंसी, नई दिल्ली: उत्तर भारत इस समय भीषण वर्षा और बाढ़ से जूझ रहा है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार में नदियां उफान पर हैं। पंजाब के सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया है। दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और निचले इलाकों में पानी भर गया है। पर्वतीय राज्यों में भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं। मौसम विभाग ने कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
उत्तर भारत में लगातार हो रही वर्षा ने तबाही मचा दी है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। नदियां उफान पर हैं, जिससे पंजाब और हरियाणा के बाद दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
पंजाब की हालत सबसे खराब है। हिमाचल से लगातार आ रहा पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा। राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर दिया गया है। सतलुज नदी किनारे बसे सात जिलों में हालात और गंभीर हो गए हैं। भाखड़ा बांध का जलस्तर 1677 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से सिर्फ तीन फीट नीचे है। 1,400 गांवों में बाढ़ से 3.54 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
हरियाणा के 16 जिलों में लगातार वर्षा से हालात बिगड़े हुए हैं। नारनौंद में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई। फतेहाबाद में घग्गर नदी उफान पर है, जिससे 30 गांवों में जलभराव हो गया है। गुरुग्राम में 24 घंटे में 160 एमएम वर्षा दर्ज की गई। फरीदाबाद में यमुना खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है।
हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सोमवार रात यह 205.33 मीटर से ऊपर और मंगलवार शाम 206 मीटर तक पहुंच गया। पुराना लोहा पुल बंद कर दिया गया है। यमुना बाजार और मोनेस्ट्री बाजार जैसे निचले क्षेत्रों में घरों में पानी भर गया है। लगभग 15 हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से कई लोगों की जान गई है। कुल्लू, सोलन और सुंदरनगर में हादसों से महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर 75 स्थानों पर क्षति होने से यातायात ठप हो गया है। उत्तराखंड में 250 से अधिक सड़कें बंद हैं। यमुनोत्री हाईवे का पुल जलमग्न हो गया है।
जम्मू में मूसलधार वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कठुआ और ऊधमपुर में मकान गिरने से कई लोगों की मौत हुई। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा लगातार आठवें दिन भी बंद रही। उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। बिहार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राजस्थान के दौसा जिले में बांध टूटने से गांव जलमग्न हो गए।
उत्तर भारत में वर्षा और बाढ़ की यह स्थिति आने वाले दिनों में और भयावह हो सकती है, क्योंकि मौसम विभाग ने पूरे सितंबर माह में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया है।
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