डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हवाई जहाज उड़ाना कोई आसान काम नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह जिम्मेदारी और अनुशासन पर टिका होता है। पायलट की एक छोटी-सी गलती भी सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डाल सकती है। इसी वजह से एविएशन इंडस्ट्री में कई तरह की सेफ्टी गाइडलाइन्स बनाई गई हैं। इन्हीं नियमों में से एक है कि पायलट्स को परफ्यूम और हैंड सैनिटाइजर( pilots avoid perfume) का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर परफ्यूम और सैनिटाइजर(hand sanitizer restriction) जैसे आम प्रोडक्ट्स से विमानन सुरक्षा का क्या लेना-देना? दरअसल, यह सीधा संबंध पायलट के ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से है। हर उड़ान से पहले पायलट को यह टेस्ट देना अनिवार्य होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसने शराब का सेवन नहीं किया है। इस टेस्ट में सांस के जरिए मशीन अल्कोहल की मौजूदगी को जांचती है।
जान लीजिए कारण
समस्या यह है कि परफ्यूम, माउथवॉश और हैंड सैनिटाइजर में इथाइल अल्कोहल पाया जाता है। अगर टेस्ट के दौरान मशीन इसे डिटेक्ट कर ले तो रिजल्ट फॉल्स पॉजिटिव आ सकता है। ऐसी स्थिति में पायलट पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है या फ्लाइट में देरी भी हो सकती है। अगर फॉल्स रिजल्ट आता है तो पायलट को कुछ समय इंतजार करना पड़ता है और फिर दोबारा टेस्ट देना होता है।
इसके अलावा, परफ्यूम की तेज गंध भी कॉकपिट में असुविधा पैदा कर सकती है। अगर पायलट या को-पायलट को खुशबू से परेशानी हो, तो उनका ध्यान उड़ान से भटक सकता है, जिससे खतरे की संभावना बढ़ जाती है।
इसीलिए ज्यादातर एयरलाइंस और एविएशन अथॉरिटीज सख्ती से यह नियम लागू करती हैं कि पायलट ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें जो उनकी परफॉर्मेंस या विमान की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।