एजेंसी, पटना। बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहारा देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। योजना के अनुसार प्रत्येक परिवार की एक महिला को पहली किस्त के रूप में 10-10 हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजे जाएंगे। यह राशि उन्हें रोजगार शुरू करने के लिए शुरुआती मदद के रूप में दी जा रही है।
ग्रामीण इलाकों में 7 सितंबर से और शहरी क्षेत्रों में 10 सितंबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। महिलाएं जीविका समूहों के माध्यम से या फिर आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं पहले से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, उनका आवेदन ग्राम संगठन के जरिए पूरा किया जाएगा। वहीं जो महिलाएं अभी तक नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले जीविका समूह का सदस्य बनना होगा, इसके बाद ही वे योजना का लाभ ले सकेंगी।
योजना लागू होते ही गांव से लेकर शहर तक महिलाओं की भीड़ आवेदन के लिए उमड़ रही है। इस बीच कुछ जगहों से पैसे मांगने और महिलाओं को परेशान करने की शिकायतें सामने आई हैं। जीविका बीपीएम विपुल पांडेय ने स्पष्ट किया है कि नाम जोड़ने या आवेदन के लिए किसी भी तरह की अवैध वसूली पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
योजना के लाभार्थियों की प्रगति पर लगातार नजर रखी जाएगी। जीविका कर्मी समय-समय पर निगरानी करेंगे और छह महीने बाद लाभ का आकलन किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो महिलाओं को दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
डेहरी प्रखंड में अब तक 20,968 जीविका दीदी और शहरी क्षेत्र की 5,200 महिलाएं, 1,729 समूह और 88 ग्राम संगठन इस अभियान से जुड़ चुके हैं। जीविका मित्रों की मदद से लगभग 9,500 ऑनलाइन आवेदन पत्र पहले ही भरे जा चुके हैं। आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ग्राम संगठनों को ही आवेदन केंद्र बनाया गया है, ताकि महिलाओं को दूर-दराज न जाना पड़े।
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सरकार और जीविका संगठन व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस योजना से लाभ उठा सकें। गांव-गांव विशेष बैठकें बुलाई जा रही हैं और महिलाओं को योजना से जुड़ने के फायदे समझाए जा रहे हैं।