
एजेंसी, नई दिल्ली/लखनऊ। राज्यसभा चुनाव 2024 के लिए 3 राज्यों की 15 सीटों के लिए सुबह 9 बजे से वोटिंग जारी है। ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश। 15 सीटों पर 18 उम्मीदवार मैदान में हैं यानी 3 उम्मीदवारों की हार तय है। माना जा रहा है कि यूपी और कर्नाटक में क्रॉस वोटिंग होगी। यहां पढ़िए राज्यसभा चुनाव 2024 से जुड़ा हर अपडेट
हर किसी में सरकार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं होती। हर किसी पर दबाव बनाया जाता है। सभी जानते हैं कि बीजेपी किसी भी हद तक जा सकती है। हमारे विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है, पैकेज दिया जा रहा है। जो विधायक ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। - अखिलेश यादव (अपने विधायकों की क्रॉस वोटिंग की खबरों पर प्रतिक्रिया)
#WATCH | Lucknow: On Rajya Sabha elections, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, " Not everybody has the guts to stand against the Government...pressure is put on everybody, is there anyone who doesn't know that BJP would go to any extent to win. BJP was dishonest during… pic.twitter.com/WFxqpQzeRc
— ANI (@ANI) February 27, 2024
बसपा के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को वोट देंगे। हालांकि, वह बसपा न छोड़ने की भी बात कह रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की खबरें आ रही हैं। इस बीच, भाजपा ने कहा है कि सपा ने तीसरा उम्मीदवार उतार कर गलती की। क्रॉस वोटिंग की खबरों के बीच सपा विधायक मनोज पांडेय का सचेतक पद से इस्तीफा दिया है।
समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता मनोज कुमार पांडे ने समाजवादी पार्टी विधान मंडल दल उ.प्र. विधान सभा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दिया। pic.twitter.com/IdZ9ioX2AA— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2024
#WATCH | Lucknow | I have resigned from the post of Samajwadi Party Chief Whip, says Manoj Kumar Pandey. pic.twitter.com/PaS6kbapBO
— ANI (@ANI) February 27, 2024
सबसे रोचक मुकाबला उत्तर प्रदेश में है। यहां 10 सदस्यों का चुनाव होना है, लेकिन भाजपा ने 11वां उम्मीदवार उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है। इस बीच इंडिया गठबंधन में दरार नजर आ रही है। माना जा रहा है कि सपा के कुछ विधायक भाजपा के पक्ष में वोट कर सकते हैं।

403 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 399 सदस्य हैं, जिनमें तीन विधायक जेल में हैं। तीनों को मतदान में भाग लेने की अनुमति नहीं मिल सकी है। इस आधार पर राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।
भाजपा को अपने आठों प्रत्याशियों की विजय सुनिश्चित करने के लिए 296 वोट चाहिए। विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दलों का कुल संख्याबल 286 है। सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के मतदान न करने की स्थिति में भाजपा के पास प्रथम वरीयता के 285 वोट होंगे। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायकों का समर्थन मिलने के बाद भी उसे नौ अतिरिक्त मतों की जरूरत होगी।

वहीं सपा के पास कुल 108 वोट हैं, जबकि अपने तीनों प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए उसे 111 वोट चाहिए। जेल में होने के कारण सपा के दो विधायक मतदान नहीं कर सकेंगे। आइएनडीआइए के घटक के नाते यदि कांग्रेस के दो सदस्य सपा के पक्ष में मतदान कर दें तो भी उसे तीन और मतों की दरकार होगी।
हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। कांग्रेस का दावा है कि तीन निर्दलीय विधायक भी उसके साथ हैं। भाजपा के 25 विधायक हैं। कांग्रेस के असंतुष्टों के सहारे भाजपा जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही है।