Jyotish: कुंडली का यह भाव बच्चे की पढ़ाई में बनता है बाधा, बिगड़ जाता है करियर
यदि ग्रह दशाएं भी अशुभ अध्ययन के समय है तब शिक्षा टुटने की स्थिति आ जायेगी लेकिन यदि पढ़ाई के योग, उच्च शिक्षा/पढ़ाई करने के योग बच्चे की कुंडली मे है तब ऐसी समस्या हो रही है तब उपाय करने से बच्चे को अध्यन में अच्छा बनाया जा सकता है।
Publish Date: Thu, 20 Mar 2025 03:59:39 PM (IST)
Updated Date: Thu, 20 Mar 2025 04:29:46 PM (IST)
ग्रहों की इस स्थिति से हमारी शिक्षा का स्तर तय होता है।HighLights
- क्या आपका बच्चा पढ़ेगा अध्ययन में मन कब नहीं लगता।
- इस प्रकार से समझे कि पढ़ाई बच्चा कर पायेगा या नहीं।
- क्या उपाय करें जिससे उसे अध्ययन में सफलता मिले।
धर्म डेस्क, इंदौर। अच्छी शिक्षा का मिल जाना और यदि पढ़ाई अच्छी हो जाये तो नौकरी भी अच्छी मिल जाती है, रोजगार में सफलता मिलने की सम्भावनाएं रहती हैं। साथ ही शिक्षित होने से लोगो मे सम्मान मिलता है वह अलग।पढ़ाई करने में या पढ़ाई में मन न लगने के कारण या अन्य कारण से बच्चा पढ़ना ही न चाह रहा हो जिससे उसका कैरियर खराब हो सकता है तो यह सब ग्रहों के कारण ही होता है। आचार्य मण्डन मिश्र: बता रहे हैं कि इसे इस प्रकार से समझें कि पढ़ाई बच्चा कर पायेगा या नही, और कर पायेगा तो कहां तक और क्या अध्ययन करियर में काम आएगी और अध्यन में विघ्न आ रहे है तो क्या उपाय करें जिससे अध्यन में सफलता मिले।
- कुंडली का 5वा भाव शिक्षा/पढ़ाई-लिखाई का है तो गुरु बुध चन्द्रमा यह मुख्य रूप से बच्चे को शिक्षा/पढ़ाई में अच्छा स्तर दिलाते है तो अशुभ 5वा भाव, अशुभ।
- इसका स्वामी और राहु केतु का अशुभ प्रभाव 5वे भाव ,इसके स्वामी पर अध्यन बच्चे को करने नही देगा, अध्ययन में आगे बढ़ने नही देगा , अध्ययन करने में पिछे करता है आदि जिससे बच्चे कम अध्ययन पाता है।
- जन्मकुंडली में मिथुन लग्न में 5वे भाव का स्वामी शुक्र बनता है अब यहाँ शुक्र राहु के साथ बैठे साथ ही 5वे भाव पर भी राहु का प्रभाव पढे और चन्द्रमा+गुरु भी राहु से या केतु से या शनि से पीड़ित हो या चन्द्र गुरु बहुत कमजोर है तब पढ़ाई पूरी होने में दिक्कत, पढ़ाई न करना पढ़ाई से मन हटना जैसी स्थिति होगी, हालांकि यहाँ शुक्र केंद्र त्रिकोण में शुभ स्थिति में हो तब उपाय करने से अध्ययन बच्चा अच्छे से कर लेगा।।
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- कर्क लग्न के जन्मकुंडली में पंचम भाव(पढ़ाई भाव) स्वामी मंगल बनता है अब मंगल यहाँ अस्त शनि के साथ सम्बध करले साथ ही 5वे भाव में राहु हो या राहु की दृष्टि आ जाये और मन जो चन्द्रमा है।
- वह भी राहु केतु या शनि से दूषित हो तब यहाँ पढ़ाई से मन हटेगा और बच्चा ज्यादा नही पढ़ पायेगा लेकिन 5वे भाव मे 9वे भाव स्वामी गुरु बैठे या 5वे भाव स्वामी मंगल 9वे भाव मे बैठे या 9वे भाव।
- स्वामी गुरु के साथ बैठा है सम्बन्ध करके, तब पढ़ाई लिखाई में बिघ्न बन रहे अशुभ ग्रहों की शांति के उपाय करने से बच्चा यहाँ उच्च शिक्षा प्राप्ति कर लेगा।
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- यदि 5वें भाव स्वामी बलवान है शिक्षा सम्बन्धी ग्रहों जैसे गुरु या शुक्र या बुध के साथ है या उच्च शिक्षा भाव 9वे भाव मे 5वे भाव स्वामी है तब बच्चा अच्छी पढ़ाई जरूर कर लेगा।
- क्योंकि यह ग्रह और भाव अच्छी उच्च पढ़ाई के है, जबकि 6, 8, 12भाव मे पाप ग्रहों के साथ 5वे भाव का स्वामी है तब पढ़ाई बीच में छूटने की स्थिति बनेगी।
- इसका भविष्य पर नकारात्मक असर तो आएगा ही, लेकिन यदि ऐसी स्थिति में भी 5वे भाव स्वामी 9वे भाव स्वामी के साथ है या शिक्षा सम्बन्धी ग्रहो गुरु, शुक्र या बुध के साथ बलवान स्थिति में है तब बच्चा जरूर पढ़ेगा
हालांकि ऐसी स्थिति में उपाय समय रहते करने से पढ़ाई में आ रही समस्या से मुक्ति जरूर मिल जाएगी। साथ ही यदि 5वे भाव स्वामी या 5वे भाव का संबमध 10वे भाव या 10वे भाव स्वामी से अच्छी स्थिति में है तब पढ़ाई लिखाई बच्चे के कैरियर में सफलता जरूर देगी क्योंकि 10वा भाव कैरियर का है। 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'