नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर सक्रांति मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाई जाएगी। आसमान में रंग-बिरंगे पतंगे उड़ेगी और लोग तिल गुड़ देकर मीठा बोलने का आग्रह करेगा। महाराष्ट्रीयन, मलयाली, पंजाबी, सिंधी सहित विभिन्न समाज अलग-अलक रीति रिवाज के साथ पर्व को मनाएंगे।
स्नान-दान पूजन के पर्व का पुण्यकाल दिवस पर्यंत रहेगा। सुर्यदेव सुबह 8.56 पर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।ज्योर्तिविदों के अनुसार सुर्य ग्रह सुर्यास्त से पहले राशि परिवर्तन करता है, तो पर्व का पुण्यकाल उसी दिन माना जाता है।
ज्योतिर्विद् विनायक शास्त्री के अनुसार मकर सक्रांति इस वर्ष पीतांबरी वस्त्र में बाघ पर सवार होकर आएगी। उपवाहन अश्व होगा। यह स्थित शिक्षित वर्ग के लिए लाभदायक बना रही है।
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पुण्यकाल सुर्योदय से सूर्यास्त तक यानि सुबह 7.10 से शाम 5.55 बजे तक रहेगा। महापुण्यकाल सुबह 9.03 से 10.52 बजे तक होगा। इस दौरान स्नान-दान पूजन का विशेष महत्व रहेगा।
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