धर्म डेस्क: अजा एकादशी व्रत (Aja Ekadashi 2025) हर साल भाद्रपद महीने की एकादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 19 अगस्त 2025 को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से पाप नष्ट होते हैं और साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
व्रत रखने वाले साधक दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, नारियल, बादाम, आलू, शकरकंद, सेंधा नमक, मिर्च और राजगीर का आटा खा सकते हैं। इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए। प्रसाद बनाने में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना भी जरूरी है।
इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। खासतौर पर चावल और सामान्य नमक का सेवन निषिद्ध है। इसके अतिरिक्त मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, तेल और अधिक मसालेदार तामसिक भोजन से भी परहेज करना चाहिए। व्रती को सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए ताकि व्रत सफल हो सके।
अजा एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसाद अर्पित करते समय यह मंत्र जप करना शुभ माना गया है-
“त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।“
माना जाता है कि इस मंत्र से भगवान प्रसन्न होकर भोग स्वीकार करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
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