अमरनाथ यात्रा में इंदौरी लंगर में मिलेगा मालवी व्यंजनों का स्वाद, पोहा-जलेबी के साथ दाल-बाटी व चूरमा
3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा में इंदौर से हजारों श्रद्धालु जत्थों में रवाना होंगे। इस बार सेवा भाव से प्रेरित होकर मालवी व्यंजनों के लंगर लगाए जा रहे हैं। यात्रियों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। रणजीत हनुमान मंदिर का सिंदूर बाबा अमरनाथ को अर्पित किया जाएगा।
Publish Date: Wed, 02 Jul 2025 01:26:58 PM (IST)
Updated Date: Wed, 02 Jul 2025 01:26:58 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा में मिलेगा इंदौरी पकवानों का स्वाद। (फाइल फोटो)HighLights
- इंदौर से दो दर्जन जत्थे अमरनाथ यात्रा पर रवाना।
- बालटाल-पंचतरणी में मालवी लंगर पहली बार लगा।
- दाल-बाटी, चूरमा, जलेबी जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे।
धर्म डेस्क, इंदौर। इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि सेवा और भारतीय संस्कृति की महक भी यात्रा मार्ग में महसूस होगी। दस वर्षों में सबसे कम यानी 38 दिनों की यह यात्रा अपने आप में ऐतिहासिक बन गई है।
इंदौर से हजारों श्रद्धालु करीब दो दर्जन जत्थों में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकलेंगे। इस बार ‘भूखे को भोजन, प्यासे को पानी’ के भाव के साथ मालवी व्यंजनों से भरे विशेष लंगर भी लगाए जाएंगे, जो यात्रियों के दिलों में मालवा की सादगी और सेवा भावना की छाप छोड़ेंगे।
पहली बार लगेगा इंदौर का मालवी लंगर
- नौलखा चौराहा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर ट्रस्ट और अमरनाथ बर्फानी सेवा दल (पंजाब) के सहयोग से बालटाल और पंचतरणी में विशेष लंगर सेवा शुरू की गई है। ट्रस्ट अध्यक्ष विष्णु बिंदल ने बताया कि बालटाल में 35x90 फीट और पंचतरणी में 80x100 फीट का शेड बनाया गया है, जिसमें पांच से 10 हलवाई और सेवादारों की टीम नियमित रूप से सेवाएं देंगी।
- यहां दाल-बाटी, चूरमा, पोहा-जलेबी, कचोरी-समोसे जैसे पारंपरिक व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसे जाएंगे। प्रतिदिन रात्रि में कड़ाव का दूध भी उपलब्ध रहेगा। दोनों लंगर शिविरों में 200 श्रद्धालुओं के विश्राम की व्यवस्था निशुल्क की गई है।
8 जुलाई को ट्रस्ट से जुड़े 70 श्रद्धालु भी रेलमार्ग से यात्रा के लिए रवाना होंगे और बारी-बारी से लंगर सेवा देंगे। यह सेवा कार्य यात्रा पूर्ण होने तक अनवरत रूप से चलता रहेगा।
श्रद्धालुओं को दिए जा रहे दिशा-निर्देश
- अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले जत्थों को संयम और अनुशासन का पालन करने के लिए विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं। इसमें बेवजह सेल्फी लेने से बचना, स्थानीय लोगों से विवाद नहीं करना, निर्धारित जत्थे और सीट से इतर न जाना जैसी सावधानियां शामिल हैं। श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड और आईडी कार्ड भी प्रदान किए गए हैं।
ओमजटाशंकर पारमार्थिक सेवा समिति के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी समिति का 565 सदस्यीय जत्था 12 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए प्रस्थान करेगा। रणजीत हनुमान मंदिर का सिंदूर अर्पित करेंगे
इंदौर से यात्रा पर निकले पहले 51 सदस्यीय जत्थे को रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास ने विधिवत पूजा-अर्चना के साथ रवाना किया। जत्था संयोजक सोनू अग्रवाल ने बताया कि वे रणजीत बाबा का सिंदूर और ध्वजा लेकर जम्मू पहुंचे हैं। यह सिंदूर मां वैष्णो देवी और बाबा अमरनाथ को अर्पित किया जाएगा।