आश्लेषा नक्षत्र
इस नक्षत्र के जातकों को मादक पदार्थों के सेवन से हमेशा बचना चाहिए।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Fri, 21 Apr 2023 04:38:52 PM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Apr 2023 04:38:52 PM (IST)

Ashlesha Nakshatra: यह राशिचक्र का नौवां नक्षत्र है। यह नक्षत्र पूरी तरह कर्क राशि के अंदर आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। चंद्रमा अश्लेषा नक्षत्र का शासक ग्रह है। यह एक कुंडलित सर्प प्रतीत होता है जो कुंडलिनी ऊर्जा का प्रतीक है। अहि या नागराज इस नक्षत्र के लिए हिंदू देवता है। यह कुंडलित साँप की तरह दिखायी देता है। इसका प्राथमिक गुण राजसिक है, लेकिन माध्यमिक और तृतीय स्तर पर सत्व है। अश्लेषा का मतलब है किसी व्यक्ति या चीज को पूरी तरह जकड़ लेना। अश्लेषा अंतर्दृष्टि और अंतर्ज्ञान की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
विशेषता
इसमें चंद्रमा की ऊर्जा और सर्प देवता की ताकत भी है। अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों का स्वभाव व्यापारियों जैसा होता है। इनकी बुद्धि तीक्षण होती है तथा ग्रहण करने की शक्ति प्रबल होती है। ये कुशल, चतुर, प्रवीण व समझदार होते हैं। ये अनेक कार्यों में माहिर होते हैं। कुछ मामलों में ये जातक क्रूर स्वभाव, सर्वभक्षी, दुष्ट व स्वार्थी भी होते हैं। ये जातक जल्दी-जल्दी चलते हैं तथा तुरन्त पहचाने जाते हैं। साधारणतयाः ये स्वस्थ व खुशमिजाज होते हैं, लेकिन कम आज्ञाकारी होते हैं।