Astro Tips : हिंदू धर्म में किसी भी देवी, देवता की पूजा करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। ये नियम ईश्वर की साधना को सफल बनाने और हर मनोकामना को पूरी करने का आशीर्वाद पाने के लिए जरूरी माना गया है। जो भी इन नियमों को नहीं मानता है, उन्हें सालों साल पूजा करने के बाद भी फल नहीं प्राप्त होता है। पूजा से जुड़े नियमों को अनदेखा करने पर न सिर्फ मनोकामनाएं अधूरी रह जाती है बल्कि गलत तरीके से पूजा करने का दोष भी लगता है। यदि आपको भी ऐसा लगता है कि आपके द्वारा की जाने वाली पूजा का पूरा फल नहीं मिल रहा है तो आपको भी कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार किसी भी देवी-देवता की पूजा करते समय भूलकर भी दीपक और जल का कलश एक साथ या फिर आस-पास नहीं रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार पूजा के प्रयोग में लाए जाने वाले जल के कलश या पात्र को हमेशा उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण की ओर और देवी देवताओं के लिए जलाए जाने वाले दीपक को हमेशा दक्षिण यानी आग्नेय कोण की ओर रखना चाहिए।
- ईश्वर की पूजा करते समय कभी भी प्रयोग में लाए गए या फिर बासी फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। देवी-देवताओं को हमेशा खिले हुए फूल चढ़ाने चाहिए। इसी प्रकार कभी भी किसी देवता की पूजा में उन पुष्पों को बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए जो निषेध माने गए हों।
- हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता के लिए की जाने वाली पूजा में आसन का भी काफी महत्व होता है। ईश्वर की पूजा में हमेशा देवी-देवता या नवग्रह विशेष से जुड़े रंग का आसन प्रयोग में लाना चाहिए। माना जाता है कि बगैर आसन के जमीन पर बैठकर पूजा करने वालो को पूजा का फल नहीं मिलता है। इसी प्रकार नंगे सिर भी पूजा नहीं करनी चाहिए।
- भगवान के लिए की जाने वाली पूजा का कभी भी अभिमान या यशोगान नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि देवी-देवताओं की पूजा में प्रयोग की जाने वाली चीजों का अभिमान और उसका प्रदर्शन करने पर उसका फल नहीं मिलता है। ईश्वर की साधना हमेशा एकांत में और शुद्ध मन के साथ करना चाहिए।
- भगवान की साधना का सबसे जरूरी नियम है कि हमेशा शांत और शुद्ध मन के साथ पूजा करना चाहिए। ईश्वर की पूजा करते समय न तो इधर-उधर की बातों की ओर मन ले जाना चाहिए न ही किसी पर क्रोध करना चाहिए। माना जाता है कि ईश्वर की पूजा करते समय मन में गलत भाव लाने पर उसका फल नहीं मिलता है।
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