धर्म डेस्क, इंदौर। पति-पत्नी को एक-दूसरे का हमसफर माना जाता है। वह अपने जीवन का रास्ता एक-दूसरे का हाथ थामकर पूरा करते हैं। इस रिश्ते को विश्वास मजबूत बनाता है, जिसमें एक-दूसरे को हर छोटी-बड़ी बात साझा करना जरूरी है, लेकिन चाणक्य नीति में तीन ऐसी बातें है, जो पत्नी को अपने पति नहीं बतानी चाहिए।
इन बातों को बताने से दांपत्य जीवन तबाह हो सकता है। पति-पत्नी के बीच कलह शुरू हो सकती है। वैवाहिक जीवन खत्म हो सकता है।
आपको बताते हैं कि आखिर वह कौन सी तीन बाते हैं, जिनको बताने से पत्नी को बचना चाहिए.....
आचार्य चाणक्य ने लिखा है कि विवाह के बाद स्त्री को अपने आचरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उनके अनुसार पत्नी को मायके के राज या ससुराल की कमियों पति को नहीं बतानी चाहिए। इससे दोनों परिवारों के बीच मतभेद की स्थिति बन सकती है। पति-पत्नी के रिश्तों में दूरी आ सकती है।
चाणक्य नीति शास्त्र में स्पष्ट कहा गया है कि दान तब पुण्य देता है, जब उनको गुप्त रखा जाए। कोई स्त्री दान करती है, तो उसे प्रचारित नहीं करना चाहिए। इसकी जानकारी पति को भी नहीं देनी चाहिए। गुप्त दान ही शास्त्रों के अनुसार प्रभावशाली और पुण्यकारी माना गया है।
चाणक्य का मानना था कि पत्नी को घर की आमदनी में से कुछ राशि बचत के रूप में अवश्य अलग रखनी चाहिए। यह धन आपातकालीन परिस्थितियों में परिवार के काम आता है। इस बचत की जानकारी पति को न देकर इसे सुरक्षित रखना ही बुद्धिमानी है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर यह धन संबल बन सके।