Chhath Puja 2025: नहीं जा सकते छठ घाट, तो घर पर ऐसे करें पूजा की तैयारी; यहां से नोट करें नियम
पूरी श्रद्धा के साथ अगर घर पर छठ पूजा (Chhath Puja 2025) की जाए तो यह भी उतनी ही फलदायी होती है, जितनी घाट पर जाकर करना। ऐसे में आइए जानते हैं कि घर छठ पूजा करने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
Publish Date: Fri, 24 Oct 2025 09:03:03 AM (IST)
Updated Date: Fri, 24 Oct 2025 09:03:03 AM (IST)
छठ पूजा के जरूरी नियम।HighLights
- छठ पूजा के जरूरी नियम।
- घर पर ऐसे करें छठ पूजा।
- छठ पूजा करने की विधि।
धर्म डेस्क। इस साल 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर को सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का महापर्व उषा अर्घ्य के साथ पूर्ण होगा। चार दिवसीय यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा घाट पर की जाती है। पूरा परिवार एकत्रित होकर छठी मैया का पाठ करते हैं।
कई लोगों के लिए घाट पर पूजा करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में, व्रती पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ अपने घर पर ही छठ पूजा (Chhath Puja 2025) कर सकते हैं। लेकिन, पूजा करने से पहले कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
छठ पूजा कैलेंडर (Chhath Puja Dates)
- 25 अक्तूबर 2025, शनिवार- नहाय-खाय
- 26 अक्तूबर 2025, रविवार- खरना
- 27 अक्तूबर 2025, सोमवार- संध्या अर्घ्य
- 28 अक्तूबर 2025, मंगलवार- उषा अर्घ्य
सूर्यास्त और सूर्योदय समय
27 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा।
28 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर होगा।
घर पर छठ पूजा करने के नियम और विधि ( Ghar Par Chhath Puja Karne Ke Niyam)
- सबसे पहले घर के आंगन, छत या बालकनी में एक साफ-सुथरा स्थान चुनें।
- ईंटों या मिट्टी का इस्तेमाल करके एक छोटा गोल घेरा (जल कुंड) बनाएं।
- अब बड़े टब या प्लास्टिक के कंटेनर लें, लेकिन ध्यान रहे वह पूरी तरह से साफ और नया होना चाहिए।
- कुंड में इतना जल भरें कि अर्घ्य देते समय व्रती के कमर तक पानी महसूस हो सके। कुंड में थोड़ा गंगाजल जरूर मिलाएं।
- घर में लहसुन और प्याज जैसी किसी भी तामसिक वस्तु का उपयोग न करें।
- छठ का प्रसाद (ठेकुआ, चावल के लड्डू) पूर्ण पवित्रता का ध्यान रखकर तैयार करें।
- इस दौरान व्रती के लिए पलंग पर सोना वर्जित माना जाता है। ऐसे में, जमीन पर चटाई बिछाकर सोएं।
- व्रती को चारों दिन बिना सिले हुए नए और साफ कपड़े पहनने चाहिए।
- संध्या (डूबते सूर्य) और उषा (उगते सूर्य) अर्घ्य को घर पर इसी कुंड में दें।
- बांस के सूप या पीतल की टोकरी में सभी मौसमी फल, गन्ना, ठेकुआ और अन्य पकवानों को रखें।
- तांबे के लोटे में दूध और जल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। व्रती कुंड में खड़े होकर सूर्य की ओर मुख करके अर्घ्य दें।
- इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया का ध्यान करें और पूजा में हुई गलती के लिए माफी मांगे।
पूजन मंत्र (Pujan Mantra)
ॐ सूर्याय नमः।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:। विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।