
धर्म डेस्क: जयपुर में हनुमान जी का एक अद्भुत और अनोखा मंदिर स्थित है, जहां भक्त अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करने के लिए पारंपरिक प्रार्थना की जगह चिट्ठी लिखकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित करते हैं। इसी कारण यह स्थान “चिट्ठी वाले हनुमान जी” (Chitthi wale Hanuman ji) के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि यहां लिखकर की गई प्रार्थनाओं को हनुमान जी विशेष रूप से स्वीकार करते हैं और भक्तों की समस्याएं दूर करते हैं।
इस मंदिर की विशेषता इसकी अनोखी मूर्ति है, जिसमें हनुमान जी रामायण का पाठ करते हुए दिखाई देते हैं। वहीं मंदिर में हनुमान जी की एक अन्य मूर्ति सिंदूरी चोले से सुसज्जित है। दोनों ही स्वरूप भक्तों के लिए अतुलनीय श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं। मंदिर में आने वाले लोग नौकरी, धन-समृद्धि, कर्ज से मुक्ति, परिवार में शांति और अन्य मनोकामनाएं एक कागज पर लिखकर प्रस्तुत करते हैं।
इन चिट्ठियों को मंदिर में नियमित रूप से इकट्ठा किया जाता है और वर्ष में एक बार इन्हें एक पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि हनुमान जी इन लिखित अर्जी को पढ़ते हैं और भक्तों की आकांक्षाएं पूरी करते हैं। यही दृढ़ आस्था इस मंदिर को अन्य सभी हनुमान मंदिरों से अलग पहचान देती है।
दिलचस्प बात यह है कि इसी तरह का “चिट्ठी वाले हनुमान जी” मंदिर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी स्थित है, जहां इसी परंपरा का पालन किया जाता है। लेकिन जयपुर का यह मंदिर अपनी अनोखी मूर्ति, भक्तिपूर्ण वातावरण और विशेष आस्था के कारण देशभर में प्रसिद्ध है।