
धर्म डेस्क। कई लोग आभूषण के रूप में अंगूठी या छल्ला पहनते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में तांबे के छल्ले को खास महत्व दिया गया है। माना जाता है कि तांबे का एक साधारण सा छल्ला भी जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। ऐसे में जान लेते हैं कि तांबे का छल्ला पहनने से क्या फायदे मिलते हैं और इसे धारण करने के सही नियम क्या हैं।
ज्योतिषीय लाभ
ज्योतिष के अनुसार तांबे का संबंध सूर्य और मंगल ग्रह से माना जाता है। इसे पहनने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जिससे मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। जिन लोगों में गुस्सा ज्यादा रहता है या चिड़चिड़ापन बना रहता है, उन्हें तांबे का छल्ला पहनने से लाभ मिल सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
मान्यताओं के मुताबिक तांबा मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे धारण करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और मन में सकारात्मक सोच बढ़ती है, जिससे व्यक्ति खुद को अधिक संतुलित महसूस करता है।
किन राशियों के लिए शुभ
मेष, सिंह, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए तांबे का छल्ला पहनना लाभकारी माना जाता है। वहीं वृषभ और तुला राशि वालों को इसे धारण करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए ज्योतिषीय सलाह लेना उचित माना जाता है।
पहनने के नियम
तांबे का छल्ला तभी असर दिखाता है जब इसे सही विधि से पहना जाए। इसे पहनने के लिए रविवार का दिन शुभ माना गया है। छल्ले को अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए, क्योंकि यह सूर्य से जुड़ी मानी जाती है। इसे पहनने से पहले स्नान के बाद छल्ले को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें। धारण करते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का 11 या 108 बार जप करें। ध्यान रखें कि तांबे का छल्ला बिना जोड़ का होना चाहिए।