डिजिटल डेस्क। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी के आशीर्वाद के बिना अधूरी होती है।
गणेश चतुर्थी पर भक्त मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। भारत में कई ऐसे प्राचीन गणपति मंदिर हैं, जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। कहीं गणेश जी के दर्शन से रोग दूर होते हैं तो कहीं धन-संपत्ति से जुड़ी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं इन 7 प्राचीन मंदिरों के बारे में-
महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध गणपति मंदिरों में गिना जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर साल गणेश चतुर्थी पर यहां पहुंचते हैं।
पुणे का यह मंदिर भी बेहद प्राचीन माना जाता है। यहां गणेश जी को ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना चाहने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से इस मंदिर में आते हैं।
रणथंभौर किले के भीतर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर देश का इकलौता मंदिर है, जहां गणेश जी को उनके पूरे परिवार के साथ पूजा जाता है। यहां शादी-ब्याह के निमंत्रण पत्र सबसे पहले भेजने की परंपरा है। माना जाता है कि यहां आमंत्रण भेजने से विवाह या मांगलिक कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं।
यह मंदिर अष्टविनायक गणपति मंदिरों में पहला माना जाता है। यहां गणेश जी को मोरेश्वर के नाम से पूजा जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के जीवन की सभी कठिनाइयां दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
यह मंदिर त्रिची के रॉकफोर्ट पर स्थित है। यहां गणेश जी की प्रतिमा बेहद विशाल है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां पूजा करने से लंबे समय से चली आ रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं और नए अवसरों के द्वार खुलते हैं।
इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां गणेश जी को धन का स्वामी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि यहां पूजा करने से आर्थिक संकट खत्म हो जाते हैं और व्यापार में उन्नति होती है।
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वाराणसी के इस मंदिर की मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां विशेष सजावट और भव्य आरती का आयोजन होता है।