धर्म डेस्क: गणेश महोत्सव 2025 की शुरुआत 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से हुई और यह 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) पर समाप्त होगा। इस दौरान भक्तगण विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें अनेक नामों से संबोधित करते हैं। इन नामों में एक विशेष नाम है – एकदंत’, जिसके पीछे कई रोचक कथाएं प्रचलित हैं।
इन कथाओं से यह स्पष्ट होता है कि गणपति का 'एकदंत' स्वरूप केवल एक शारीरिक विशेषता नहीं, बल्कि उनके साहस, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। यही कारण है कि गणेश महोत्सव के दौरान भक्त उन्हें 'एकदंत' कहकर श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजते हैं।
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