धर्म डेस्क, इंदौर। सनातन धर्म में मान्यता है कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है। वह उनके सारे कष्ट हर लेते हैं। इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा, जो कि 09 अगस्त तक चलेगा।
हरियाली अमावस्या की तिथि सनातनियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस शुभ अवसर पर लोग अपने पितरों को तर्पण देने के लिए पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
इस आर्टिकल में आपको विस्तार से हरियाली अमावस्या पर कौन से शुभ योग हैं? इसकी तिथि क्या है? स्नान दान किस मुहूर्त में करें?
वैदिक पंचांग की मानें तो 24 जुलाई को देर रात 02:28 से हरियाली अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी, जो कि 25 जुलाई को देर रात 12:40 तक रहेगा। हरियाली अमावस्या भक्त 24 जुलाई को मनाएंगे।
हरियाली अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:15 से 04:57 तक स्नान-दान शुभ रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:55 तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 02:26 से 03:58 तक रहेगा। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। शाम 04:43 से गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बनेगा।
25 जुलाई को विशेष योगों का अद्भुत संयोग बन रहा है। रवि पुष्य योग शाम 04:43 से शुरू होकर अगली सुबह 05:39 तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग पूरे दिन प्रभावी रहेंगे। हर्षण योग सुबह 09:51 तक रहेगा, वहीं अमृत सिद्धि योग भी शाम 04:43 से अगली सुबह 05:39 तक रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र शाम 04:43 तक रहेगा। उसके बाद पुष्य नक्षत्र रहेगा।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।