पाकिस्तान में है भक्त प्रह्लाद का मंदिर, लेकिन कहां?
क्योंकि उसे वरदान था कि वह कभी भी अग्नि में नहीं जल सकती थी।
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Publish Date: Thu, 09 Mar 2017 10:08:46 AM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Mar 2017 10:11:55 AM (IST)

वर्तमान में पंजाब का वह क्षेत्र जो पाकिस्तान में है, वहां है श्रीहरि के 'भक्त प्रह्लाद का मंदिर'। यह मंदिर मुलतान शहर में है। इस मंदिर का नाम प्रह्लादपुरी मंदिर है। होली के समय यहां विशेष पूजा अर्चना आयोजित की जाती है।
यहां दो दिनों तक होलिका दहन उत्सव मनाया जाता है। पाकिस्तान में मौजूद इस पंजाब प्रांत में होली, होलिका दहन से होली 9 दिनों तक मनाई जाती है।
रंगों भरी होली तो यहां मनती ही है, लेकिन होली मनाने का परंपरा यहां कुछ हटकर है। पश्चिमी पंजाब और पूर्वी पंजाब में होली के दिन, मटकी फोड़ी जाती है। भारत की तरह यहां भी मटकी को उंचाई पर लटकाते हैं। और यहां मौजूद व्यक्ति पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ते हैं। मटकी में मक्खन, मिश्री भरा हुआ होता है, मटकी फोड़ते ही यह सब कुछ बिखर जाता है।
पाकिस्थान स्थित पंजाब क्षेत्र में होली का त्योहार चौक-पूर्णा नाम से जाना जाता है।
विष्णु पुराण से....
होली और प्रह्लाद का रिश्ता बुआ और भतीजे की तरह है। विष्णु पुराण में उल्लेखित है होली यानी होलिका प्रह्लाद की बुआ थीं। प्रह्लाद के पिता दैत्यराज हिरण्यकश्यिपु थे। वह श्रीहरि से नफरत करते थे, कारण था श्रीहरि ने वराह अवतार में उसके बड़े भाई हिरण्याक्ष का वध किया था।
लेकिन प्रह्लाद श्रीहरि के भक्त थे। बचपन से वह श्रीहरि भक्ति में इतने रम गए कि उन्होंने श्रीहरि को अपना आराध्य देव बना लिया था। प्रह्लाद के वध के लिए हिरण्यकश्यिपु ने अपनी बहन होलिका को नियुक्त किया।
क्योंकि उसे वरदान था कि वह कभी भी अग्नि में नहीं जल सकती थी। लेकिन बुरा करने वालों का अंजाम बुरा ही होता है। इस तरह होलिका अग्नि में जल गई और प्रह्लाद को श्रीहरि ने बचा लिया।