Prerak Katha: दान करने से कैसे चमक उठता है भाग्य, जो तुम्हारे लिए नहीं था, वो भी मिल जाता है… लकड़हारे के प्रेरक प्रसंग से समझिए
Inspirational Story: सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व बताया गया है। एक गरीब लकड़हारे की यह कहानी भी यही संदेश देती है। व्यक्ति स्वयं का पेट भरता रहे और दूसरों की चिंता भी करता रहे। ऐसा करने से उसका सोया भाग्य चमक उठेगा।
Publish Date: Sat, 12 Jul 2025 02:38:04 PM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Jul 2025 06:09:41 PM (IST)
गरीब लकड़हारा की कहानीHighLights
- लकड़हारा की संत से हुई थी मुलाकात
- मांगा था जीवन भर का अनाज एक साथ
- खुद भी खाया और दूसरों को भी खिलाया
धर्म डेस्क, इंदौर, Inspirational story। एक गांव में गरीब लकड़हारा रहता था। जंगल में जाकर लकड़ी काटता, गांव में बेचता और जो कुछ मिलता, उससे अपना गुजारा करता था। यही उसका जीवन था।
हमेशा गरीब बना रहा, हमेशा दो वक्त की रोटी की चिंता सताती रही, लेकिन कभी किसी से शिकायत नहीं की। कभी बेईमानी करने का विचार मन में नहीं आया। ईश्वर से भी कभी शिकायत नहीं की।
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गांव में आए संत और बदल गई जिंदगी
- कुछ दिन बाद गांव में संत आए। संतों ने एक जगह डेरा जमाया। दूर-दूर से लोग उनके दर्शन और आशीर्वाद को पहुंचे। मौका पाकर लकड़हारा भी वहां पहुंचा। एक बार संत से बात करने का मौका मिला।
- लकड़हारा ने संत से पूछा कि भगवान ने मुझे इतना गरीब क्यों बनाया है। संत ने कहा कि कल आना, तो मैं भगवान से पूछकर तुम्हें इस सवाल का जवाब दूंगा। लकड़हारा चला गया।
- अगले दिन आया तो संत ने बताया कि तुम्हारी जिंदगी में 5 बोरी अनाज ही भगवान ने दिया है और रोज थोड़ा-थोड़ा देते हैं, ताकि तुम जिंदगी भर खा सको। लकड़हारा ने कहा कि भगवान से कहिए कि मुझे पूरा अनाज एक ही बार में दे दे, ताकि मैं भरपेट भोजन कर सकूं।
संत ने कहा कि ठीक है, वो भगवान से प्रार्थना करेंगे कि लकड़हारा को उसकी पूरी जिंदगी का अनाज एक ही बार में मिल जाए। इस बातचीत के बाद लकड़हारा अपने घर चला गया।
अगले दिन सुबह उठा तो देखा कि कोई उसके दरवाजे पर 5 बोरी अनाज रख गया है। लकड़हारा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने भरपेट खाना खाया और जो अनाज बचा था, वो जरूरतमंदों में बांट दिया।
भरपेट भोजन करने के बाद लकड़हारा चैन की नींद सो गया। सुबह उठा तो देखा कि उसकी दहलीज पर 5 बोरी अनाज और रखा है। उसने फिर वही किया। पहले खुद भरपेट आया और जो बचा, वो गरीबों में बांट दिया।