नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: रेलवे परिक्षेत्र स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में विराजित महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की सेहत में अब तेजी से सुधार हो रहा है। पुरी की परंपरा का अनुसरण करते हुए यहां भी महाप्रभु को दसमूलमोदक काढ़ा अर्पित किया गया है। योगिनी एकादशी के दिन महाप्रभु के उपचार के लिए 'खड़ी लागी' अनुष्ठान विधिपूर्वक संपन्न किया गया। अब 26 जून को नवजौवन दर्शन के अवसर पर भक्तों को फिर से महाप्रभु के दर्शन होंगे, वहीं 27 जून को रथयात्रा निकाली जाएगी।
मंदिर के मुख्य पुजारी गोविंद पाढ़ी ने बताया कि आयुर्वेद में वर्णित 10 औषधीय मूलों से तैयार विशेष काढ़ा दसमूलमोदक महाप्रभु को अर्पित किया गया। यह परंपरा पुरी से प्रेरित है, जहां महाप्रभु की मानव लीला के अनुसार बीमार होने पर आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है। इस काढ़े का सेवन करने के बाद महाप्रभु की सेहत में तेजी से सुधार देखा गया है। वहीं एकादशी की रात को भगवान के शरीर पर चंदन का शीतल लेप चढ़ाया गया, जिसे चंदन सेवा कहा जाता है।
इस प्रक्रिया से भगवान को शांति व ठंडक मिलती है और माना जाता है कि इसके बाद वे शीघ्र ही पूर्णतः स्वस्थ हो जाते हैं। यह परंपरा उस भाव को दर्शाती है कि भगवान भी भक्तों के लिए मानवीय रूप में लीलाएं करते हैं। परंपरा के अनुसार भगवान के स्वस्थ होने की जानकारी गजपति महाराज को दी जाती है। यहां भी इसी परंपरा को निभाते हुए महाप्रभु की सेवा में औषधियां और वस्त्रों को पूजन कर भोग के साथ अर्पित किया गया।
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27 जून को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा निकाली जाएगी, जिसमें महाप्रभु अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे। पुजारी गोविंद पाढ़ी ने बताया कि इस बार भी रथयात्रा की भव्य तैयारी की गई है। आयोजन में श्रद्धालुओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मंदिर समिति, रेलवे प्रशासन और स्थानीय भक्तगण सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। वहीं मंदिर परिसर में ही रथ आकार ले रहा है।
15 दिन बाद दर्शन देंगे महाप्रभु ज्येष्ठ पूर्णिमा के स्नान उत्सव के बाद से महाप्रभु 'अनवसर काल' में चले गए थे। इस अवधि में महाप्रभु बीमार माने जाते हैं और उनके दर्शन नहीं होते। यह काल 15 दिनों का होता है, जिसमें भक्त केवल सेवा-पूजा की आवाजाही से ही जुड़ सकते हैं। अब जब महाप्रभु स्वस्थ हो जाएंगे, तो 26 जून से दर्शन की अनुमति होगी और 27 जून को पूरे हर्षोल्लास के साथ रथयात्रा निकाली जाएगी।
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