
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल नित नए रूपों में भक्तों का मन मोहते हैं। प्रतिदिन पांच आरती में पुजारी भगवान का विशेष श्रृंगार करते हैं। मंदिर की पूजन परंपरा में भगवान का भांग, चंदन और मावे से श्रृंगार किया जाता है। खास बात यह है कि कोई भी भक्त भगवान महाकाल का श्रृंगार करा सकते हैं। इसके लिए श्रद्धालु को मंदिर कार्यालय में श्रृंगार के लिए निर्धारित 1100 रुपये की रसीद कटवाना होती है। श्रृंगार सामग्री व पूजन की राशि पुजारी को अलग से देना होती है।
महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे भस्म आरती, सुबह 7.30 बजे द्धयोदक (बालभोग) आरती, सुबह 10.30 बजे भोग आरती, शाम 7.30 बजे संध्या आरती तथा रात 10.30 बजे शयन आरती होती है। प्रतिदिन होने वाली इन पांच आरती में से शयन आरती को छोड़कर प्रथम चार आरती भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाता है। संध्या आरती में भगवान का भांग से श्रृंगार की परंपरा है। जबकि भस्म आरती, द्धयोदक तथा भोग आरती में भांग, चंदन तथा मावे में से किसी एक सामग्री से श्रृंगार किया जाता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन) की ऑफिशियल वेबसाइट
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भगवान महाकाल का श्रृंगार पर्व त्योहार तथा सप्ताह के सात दिनों के आधार पर अलग-अलग रूप में किया जाता है। बुधवार के दिन महाकाल भगवान गणेश रूप में दर्शन देते हैं। नागपंचमी पर वासुकी नाग, जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण रूप, महाशिवरात्रि पर अर्धनारिश्वर रूप में भगवान का श्रृंगार किया जाता है।
यहां करें महाकाल आरती के लाइव दर्शन
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भगवान महाकाल के भांग श्रृंगार में साढ़े तीन किलो भांग का श्रृंगार होता है। पहले पांच से छह किलो भांग का उपयोग किया जाता था। लेकिन ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर भांग की मात्रा को कम किया गया है।
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भगवान महाकाल के भांग श्रृंगार कराने में करीब 10 से 12 हजार रुपये खर्च आता है। यह राशि भक्त को पुजारी को देना होती है। पुजारी इस राशि से भांग,सूखे मेवे, वस्त्र, हारफूल, मिष्ठान तथा अन्य पूजन सामग्री खरीदते हैं। श्रृंगार कराने वाले भक्त को संध्या आरती में दर्शन का अवसर प्राप्त होता है। नंदी मंडप में लगे सूचना पट्ट पर जिस भक्त की ओर से श्रृंगार होता है उनके नाम का उल्लेख भी किया जाता है।
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उज्जैन, भारत के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों का स्वागत करता है। यहां पहुंचना आसान है, क्योंकि शहर रेल और सड़क मार्ग से देशभर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हवाई यात्रा
उज्जैन का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन निकटतम हवाई संपर्क इंदौर स्थित देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IDR) से मिलता है। यह लगभग 55 किलोमीटर दूर है।
हवाई अड्डे से उज्जैन तक टैक्सी, कैब या बस के माध्यम से 1 से 1.5 घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है। इंदौर हवाई अड्डे के लिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे बड़े शहरों से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाती है।
रेल यात्रा
रेलमार्ग के अनुसार, उज्जैन जंक्शन (UJN) मध्य भारत का एक बड़ा रेलवे स्टेशन है, जहां दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता, चेन्नई और अन्य प्रमुख महानगरों से कई ट्रेनें सीधे आती हैं। रेल यात्रा आरामदायक और किफायती होने के कारण अधिकांश यात्री इस विकल्प को पसंद करते हैं।
सड़क यात्रा
सड़क मार्ग से भी उज्जैन पहुंचना बेहद सरल है। शहर राष्ट्रीय राजमार्गों के मजबूत नेटवर्क से जुड़ा है और इंदौर, भोपाल, जबलपुर, कोटा, मंदसौर और अहमदाबाद जैसे शहरों से नियमित सरकारी और निजी बसें चलती हैं। निजी कार या टैक्सी से यात्रा करने पर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (NH3) उज्जैन तक सीधा और सुगम मार्ग प्रदान करता है।