
Manglik Dosha Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली मंगल अशुभ हो तो व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। पति-पत्नी का रिश्ता भी टूट जाता है। यदि पति-पत्नी में से कोई एक अशुभ हो तो दूसरे को अत्यधिक हानि हो सकती है। जीवन भी संकट में पड़ सकता है। इसलिए वैदिक ज्योतिष में सलाह दी जाती है कि विवाह से पहले वर और वधू की कुंडली का मिलान कर लेना चाहिए। अगर दुल्हन मांगलिक हो और पति की कुंडली में न हो तो आइए जानते हैं। ऐसे में क्या उपाय करना चाहिए।
- जन्म कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में मंगल हो तो जातक मांगलिक होता है।
- अगर मंगल राहु और शनि के साथ युति कर रहा हो तो व्यक्ति मांगलिक होता है।
- मंगल की सप्तम भाव पर दृष्टि पड़ने से मंगल की दशा बनती है।
- 12वें भाव में मंगल की सप्तम भाव पर दृष्टि पड़ने से मंगल की दशा बनती है।
- चतुर्थ भाव में मंगल सप्तम भाव पर दृष्टि डालता है तो मांगलिक दोष बनता है।
- मंगल पहले भाव में सप्तम भाव को देखता है तो मंगल की दशा बनती है।
- विवाह में देरी होना
-बच्चों को जन्म देने में दिक्कत।
- जीवनसाथी के साथ गलतफहमी और मनमुटाव
- आर्थिक कठिनाई
-ससुराल वालों से संबंध खराब
- तलाक
-पति की मृत्यु
वर और वधू दोनों मांगलिक हों तो अच्छा है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। अगर एक मांगलिक महिला गैर मांगलिक पुरुष से शादी करती है तो कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है।
- शादी से पहले युवता का विवाह केले के पेड़ से करें।
- महिला मूंगा या पुखराज रत्न धारण करें।
- मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखें।
- लाल कपड़ों और मसूर की दाल का दान करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ हर मंगलवार को करें।
डिसक्लेमर
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