
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। साहस, शक्ति, पराक्रम व ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल कर्क राशि को छोड़कर सिंह राशि में प्रवेश कर गए हैं। सिंह राशि में मंगल का परिभ्रमण 42 दिन का रहेगा। इस दौरान मंगल की केतु के साथ युति बनेगी, वहीं मंगल शनि का खड़ाष्टक दृष्टि संबंध भी होगा। यह समय मंगल की जन्म भूमि उज्जैन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहेगा। इस दौरान आध्यात्मिक अर्थव्यवस्था के विचार को नई जमीन मिलेगी और भारत के अलावा बाहर के देशों से भी निवेशक उज्जैन पहुंचेंगे।
विभिन्न राशि के जातकों के लिए भी आने वाला समय वैचारिक, आध्यात्मिक व आर्थिक उन्नति प्रदान करने वाला रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया पंचांग की गणना के अनुसार 7 जून को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर मंगल ग्रह कर्क राशि को छोड़कर सिंह राशि में प्रवेश कर गए हैं। यहां केतु पहले से ही मौजूद है, ऐसे में दोनों ग्रहों की युति बन रही है। आने वाले दिनों में इसके परिणाम सामने आएंगे। उज्जैन में स्प्रिचुअल एंड वेलनेस समिट के रूप में इसकी इबारत लिखी जाने लगी है। इस विचार को आगे बढ़ाते हुए मंगल अपनी जन्म भूमि को इसके लाभ देगा, जो उच्च निवेश के रूप में सामने आएगा।
मेष: मित्रों के माध्यम से सहयोग मिलेगा।
वृषभ: संपत्ति में वृद्धि होगी।
मिथुन: प्रतिष्ठा में वृद्धि के साथ भाई बहनों का सुख मिलेगा।
कर्क: आर्थिक प्रगति के साथ विदेश यात्रा के योग हैं।
सिंह: संतुलन बनाकर चलने से लाभ होगा।
कन्या: संपत्ति में निवेश की योजना बनेगी।
तुला: आकस्मिक लाभ की प्राप्ति के योग बनेंगे।
वृश्चिक: बडा़ पद मिलने की संभावना है।
धनु: भाग्य से जुड़े अवरोध दूर होंगे।
मकर: विवादों को टालने का प्रयास करें।
कुंभ: धीरे- धीरे प्रगति के मार्ग खुलेंगे।
मीन: स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
मंगल का राशि परिवर्तन सैन्य क्षमता के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आयुध निर्माण के क्षेत्र में भारत को सफलता मिलेगी। हमारे विज्ञानियों को अत्याधुनिक हथियार बनाने के लिए नई तकनीक के अविष्कार में सफलता मिलेगी। मंगल, केतु की युति शुभ, अशुभ फल प्रदान करने वाली है। दक्षिण एवं पूर्व दिशा में इसके प्रभाव दिखाई देंगे। यह प्राकृतिक तौर भी हैरान करने वाले परिणाम देगी।