धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Narak Chaturdashi अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मानी जाती है। यह दिन हमें जीवन और मृत्यु के संतुलन की याद दिलाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन यमराज की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और जीवन में दीर्घायु तथा समृद्धि आती है।
यमराज को मृत्यु और जीवन के संतुलन का स्वामी माना जाता है। नरक चतुर्दशी पर उनकी पूजा से न केवल मृत्यु का भय कम होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुरक्षा, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख भी बना रहता है। यह पूजा आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।
1. शाम के समय गेहूं के आटे से एक छोटा दीपक बनाएं।
2. उसमें चार छोटी-बड़ी बत्तियां रखें।
3. दीपक में सरसों का तेल डालें और उसके चारों ओर गंगाजल छिड़कें।
4. दीपक के नीचे थोड़ा अनाज रखें और उसे घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर जलाएं।
इस परंपरा से घर में अकाल मृत्यु की बाधा टलती है, और सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और धन-समृद्धि का वास होता है। यह दीपक मां लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक माना जाता है और पूरे परिवार के लिए खुशहाली लेकर आता है।
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