धर्म डेस्क: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह पावन तिथि शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। यह एकादशी दशहरे के अगले दिन आती है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने और तुलसी पूजन से भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी माना जाता है, इसलिए इन्हें विष्णुप्रिया भी कहा जाता है। एकादशी के दिन तुलसी पूजन करने से सभी दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। शाम को तुलसी के पास गाय के घी का दीपक जलाकर सात या ग्यारह बार परिक्रमा करने से शुभ फल मिलता है।
पापांकुशा एकादशी पर तुलसी मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है।
इन मंत्रों का जाप करने से पाप नष्ट होते हैं और भक्त को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
एकादशी के दिन तुलसी को छूना या उनके पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता स्वयं निर्जला व्रत करती हैं। यदि तुलसी दल भोग में अर्पित करना हो, तो उन्हें एक दिन पहले ही तोड़ लें या गिरे हुए पत्तों का प्रयोग करें।
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