धर्म डेस्क। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन पाताल लोक में योगनिद्रा में लीन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं, इसलिए इसे पार्श्व एकादशी या पद्मा एकादशी भी कहा जाता है।
इस साल परिवर्तनी एकादशी का व्रत 3 सितंबर 2025 बुधवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है। भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में कुछ उपाय करने से जीवन में विवाह, करियर और धन संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं।
आज हम इस लेख में आपको विस्तार से उन उपायों के बारे में बताएंगे...
इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के कष्ट दूर होते हैं। उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है। कामों में आ रही रुकावटें धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं।
अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है। विवाह में बाधा आ रही है, तो इस दिन विष्णुजी की पूजा करें। पूजा के बाद गरीबों को पीले वस्त्र, चने की दाल और पीली मिठाई दान करने से विवाह योग बनते हैं। रुके हुए रिश्ते बनने लगते हैं।
इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम को नीचे दीपक जलाएं। पीपल पर भगवान विष्णु का वास माना जाता है। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
अस्वीकरण- इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।