धर्म डेस्क। पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। यह 15 दिनों की पितृ पक्ष की अवधि अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रद्धांजलि देते के लिए अति उत्तम मानी गई है। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि यदि पितरों का आशीर्वाद किसी व्यक्ति पर बना हुआ है, तो उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
वास्तु शास्त्र में पितरों की तस्वीर लगाने के लिए नियम बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियम का पालन न करने से पितृ नाराज हो सकते हैं। साथ ही कामों का रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो घर में वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों (which direction photo of ancestors) की तस्वीर लगाएं। इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होंगे और उनकी कृपा परिवार के सदस्यों को प्राप्त होगी। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं पितरों की तस्वीर लगाने के नियम के बारे में।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम और किचन में भूलकर भी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन जगहों पर पितरों की तस्वीर लगाने से पितृ नाराज हो सकते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई बाधा आ सकती है। इसलिए इन जगहों पर कभी भी पितरों की तस्वीर न लगाएं।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों की तस्वीर लगाने के लिए दक्षिण दिशा को उत्तम माना जाता है। क्योंकि इस दिशा को पितरों को मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में तस्वीर लगाने से परिवार के सदस्यों पर पितरों की कृपा बनी रहती है और जीवन में आने वाले दुख और संकट दूर होते हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।