रेवती नक्षत्र
इस नक्षत्र की स्त्री जातक का गृहस्थ जीवन सुखद होता है। ये देखने में सुन्दर, उदार हृदय व मधुर भाषी होती हैं।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Sun, 14 May 2023 08:09:32 PM (IST)
Updated Date: Sun, 14 May 2023 08:09:32 PM (IST)
Revati Nakshatra: आकाश मंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में रेवती नक्षत्र अंतिम नक्षत्र है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह 32 तारों का समूह से मिलकर बना है, जो दिखने में एक मृदंग की आकृति जैसा है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध व राशि स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। वहीं रेवती के अधिष्ठाता देवता पुशान हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर गुरु व बुध दोनों का प्रभाव पड़ता है। कुंडली में गुरु व बुध की युति जिस भाव में होती है, ये दोनों वैसा ही फल देते हैं।
जातकों की विशेषता
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक लोकप्रिय, बहादुर, युक्तियुक्त, डिप्लोमैटिक और समझदार होते हैं। ये बहुत जल्दी-जल्दी चलते हैं। इनकी बातें तथा व्यवहार व्यापारियों जैसा होता है तथा ये प्रत्येक चीज़ को इसी दृष्टि से देखते हैं। ये धनी व सम्पन्न होते हैं तथा इनके घर में गाने-बजाने के सभी साधन मौजूद होते हैं। ये परिवर्तनशील, दूसरों का प्रभाव सहज ही ग्रहण करने वाले, कोमल, हमदर्द, कुशाग्र बुद्धि, कवि, लेखक, पत्रकार, प्रतिभाशाली तथा यशस्वी होते हैं।