धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र 2025 (Shardiya Navratri 2025) का पावन पर्व 22 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा के पावन मंदिरों के दर्शन करने से भक्तों के जीवन से सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। आइए जानते हैं मां दुर्गा के 9 प्रमुख मंदिरों के बारे में।
नवदुर्गा का पहला स्वरूप मां शैलपुत्री है। काशी में वरुणा नदी के पास स्थित मंदिर और कश्मीर के बारामूला का प्राचीन धाम भक्तों की आस्था का केंद्र है।
वाराणसी के कर्णघंटा क्षेत्र में स्थित ब्रह्मचारिणी मंदिर में दर्शन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
तमिलनाडु के कांचीपुरम और प्रयागराज-वाराणसी में स्थित चंद्रघंटा मंदिर नवरात्र में विशेष महत्व रखते हैं।
कानपुर जिले के घाटमपुर में स्थित मां कूष्मांडा का प्राचीन मंदिर अपनी दिव्यता और जलधारा के लिए प्रसिद्ध है।
वाराणसी के जगतपुरा, मध्यप्रदेश के विदिशा और तमिलनाडु के सेलम में स्कंदमाता के प्रसिद्ध धाम हैं।
वृंदावन का कात्यायनी मंदिर मान्यता के अनुसार, राधा रानी द्वारा पूजा स्थल है।
वाराणसी और बिहार के सोनपुर के मंदिरों में मां कालरात्रि की आराधना से शत्रु विनाश होता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में अन्नपूर्णा देवी का विग्रह महागौरी स्वरूप माना जाता है।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और वाराणसी में स्थित सिद्धिदात्री मंदिर से भक्तों को सिद्धियां और कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।
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