नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को आसमान में अर्धचंद्राकार सूर्य दिखाई देगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में यम-नियम, सूतक आदि मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में देखा जाएगा, जिसमें आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अंटार्कटिका के कुछ हिस्से शामिल हैं। ये ग्रहण आश्विन अमावस्या के दिन कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। वहीं ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और बुध तीनों ही कन्या राशि में रहेंगे तो वहीं मीन राशि में बैठे शनि देव की उन पर पूर्ण दृष्टि होगी।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को रात भारतीय समय से स्पर्श रात्रि 11 बजे से मध्य रात्रि शेष एक बजकर 12 मिनट और मोक्ष रात्रि तीन बजकर 24 मिनट पर होगा।
सबसे खास बात यह है कि इस दिन सर्वपितृ अमावस्या है और इसी दिन पितृपक्ष का समापन भी हो जाएगा। ऐसे में इस दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में घटित होगा। ऐसे में माना जा रहा है, कुछ राशियों पर इस ग्रहण का अशुभ परिणाम देखने को मिल सकता है।
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कन्या राशि वालों को इस समय सबसे ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। ज्योतिष के अनुसार इस अवधि में अचानक आर्थिक नुकसान हो सकता है। निवेश में हानि की संभावना है, इसलिए धन के लेन-देन से बचें। व्यापार में बड़े सौदों से फिलहाल दूरी बनाकर रखें। नौकरी में दबाव बढ़ सकता है।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण आर्थिक मामलों में चुनौती पूर्ण हो सकता है। खर्चें अचानक बढ़ सकते हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं। जल्दबाजी में लिया गया फैसला बड़ा नुकसान करा सकता है।