
धर्म डेस्क। कई बार जीवन में मेहनत और अच्छी आमदनी के बावजूद धन टिक नहीं पाता। ऐसे में वास्तु शास्त्र के कुछ सरल नियमों को अपनाकर न केवल धन-संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है, बल्कि समृद्धि का मार्ग भी खोला जा सकता है। वास्तु के अनुसार घर की दिशा, तिजोरी की स्थिति और देवी-देवताओं की आराधना का सीधा संबंध धन के स्थायित्व से होता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में धन और गहने रखने की दिशा बेहद महत्वपूर्ण होती है। अगर आप अपनी तिजोरी को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके रखते हैं, तो इससे आर्थिक स्थिरता बढ़ती है। तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाकर उस पर श्री यंत्र या चांदी का सिक्का रखना शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इससे तिजोरी कभी खाली नहीं रहती और अनावश्यक खर्चों पर स्वाभाविक रूप से नियंत्रण होता है।
वास्तु में उत्तर दिशा को भगवान कुबेर की दिशा कहा गया है। यही कारण है कि इस दिशा की साफ-सफाई और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना बेहद जरूरी है। घर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ फल देता है। इसके साथ ही अलमारी या तिजोरी भी इसी दिशा में रखना धन वृद्धि में सहायक माना गया है।
धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना आसान है, बस कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा और आकर्षक होना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि लक्ष्मी वहीं प्रवेश करती हैं जहाँ स्वच्छता और सकारात्मकता होती है।
पूजा के समय लक्ष्मी जी को कमल का फूल अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन-संपन्नता और सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना भी लक्ष्मी कृपा पाने का सरल और प्रभावी उपाय है।
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अगर आप इन छोटे लेकिन प्रभावशाली वास्तु नियमों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो न केवल धन रुकने लगता है, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि और शांति का वास भी होता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।