
धर्म डेस्क। हनुमान चालीसा को हिंदू धर्म में अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी स्तोत्र माना गया है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को भय, रोग, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसी कारण भक्तों के मन में यह जिज्ञासा रहती है कि इसका पाठ किस समय और कितनी बार करना सबसे अधिक शुभ फल देता है।
शास्त्रों के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद शांत मन से किया गया पाठ विशेष फलदायी माना गया है। जो लोग सुबह समय नहीं निकाल पाते, वे दोपहर में या फिर सूर्यास्त के बाद दीपक जलाकर श्रद्धा पूर्वक इसका पाठ कर सकते हैं।
सामान्य परिस्थितियों में हनुमान चालीसा का एक बार पाठ करना पर्याप्त माना जाता है। वहीं, मनोकामना पूर्ति या किसी विशेष कार्य में सफलता के लिए 3, 7 या 11 बार पाठ करने की परंपरा है। किसी बड़े संकट, भय या परेशानी के समय 40 दिनों तक लगातार हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ मिलने की मान्यता है।
मंगलवार को हनुमान जी की उपासना का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था, इसलिए यह दिन उन्हें अत्यंत प्रिय माना जाता है। साथ ही हनुमान जी का संबंध मंगल ग्रह से भी जोड़ा जाता है, जो साहस, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। हनुमान जी इन सभी गुणों के अधिष्ठाता माने जाते हैं।
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मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल दोष, भय और शत्रु बाधा से राहत मिलती है। यही वजह है कि इस दिन हनुमान मंदिरों में भक्तों की विशेष भीड़ देखने को मिलती है। कई श्रद्धालु मंगलवार को व्रत रखते हैं और हनुमान जी को सिंदूर व चमेली का तेल अर्पित करते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय मन की शुद्धता और एकाग्रता अत्यंत आवश्यक है। नकारात्मक विचार, क्रोध और जल्दबाजी से बचते हुए श्रद्धा और विश्वास के साथ किया गया पाठ ही पूर्ण फल प्रदान करता है।