Astrology: हिंदू धर्म में मांग में सिंदूर भरने की रस्म को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रस्म के बाद से ही दुल्हन अपने पति की जीवित रहने तक प्रतिदिन अपनी मांग में सिंदूर भरती है। सिंदूर को सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है। सनातन धर्म में सुहागिन महिलाएं मांग में सिंदूर जरूर भरती हैं। सिंदूर भरने की परंपरा युगों पुरानी है। रामायण में भी उल्लेख किया गया है कि माता सीता अपने पति राम के लिए मांग में सिंदूर भरती थीं। सुहागिन महिलाओं द्वारा अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं तो उनकी सेहत अच्छी रहती है। इसी तरह मांग में सिंदूर लगाने के पीछे कई वैज्ञानिक लाभ हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार सिंदूर को सिर के जिस हिस्से पर लगाया जाता है, वो काफी कोमल होता है। इस जगह को ब्रह्मरंध्र कहा जाता है। सिंदूर में पारा होता है, जो कि एक दवा की तरह काम करता है। साथ ही ये महिलाओं के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इससे महिलाएं तनाव रहित भी रहती हैं और उन्हें अनिद्रा की समस्या नहीं होती है।
इन बातों से एक सवाल जरूर उठता है कि सिंदूर लगाने के इतने फायदों के बाद भी विधवा और कुंवारी लड़कियां मांग में सिंदूर क्यों नहीं भर सकतीं। बता दें कि इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। मांग में सिंदूर भरने से यौन उत्तेजना बढ़ती है, जो कि विधवा और कुंवारी लड़कियों के लिए सही नहीं है। इसलिए विधवा और कुंवारी लड़कियों के लिए मांग में सिंदूर भरना वर्जित होता है।
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