Ganesh Ji Murti Vastu: भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के साथ की जाती है। ऐसे में उस कार्य में किसी भी तरह की बाधा नहीं आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा किसी भी कार्य के पहले महत्वपूर्ण मानी जाती है। वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए, बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाए और सजाई जाए, तो सुख-समृद्धि बनी रहती है। 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। अगले 9 दिनों तक भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। साथ ही उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाया जाएगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की सफेद रंग की मूर्ति घर में स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं। सिंदूरी रंग के गणपति भी बेहद शुभ माने जाते हैं। यदि बच्चों की स्टडी टेबल पर पीले या हल्के हरे रंग की गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाए, तो करियर में उन्नति मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप घर या ऑफिस में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि बप्पा की मूर्ति खड़ी हुई अवस्था में होनी चाहिए। वहीं, बप्पा की प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। वरना अशुभ प्रभाव होता है।
घर के मुख्य द्वार से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश जी की पीठ मिलती हुई प्रतिमा लगानी चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर होता है। बप्पा की प्रतिमा मुख्य द्वार पर अंदर की ओर लगाएं।
भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय दिशाओं का भी ध्यान रखें। घर का उत्तर पूर्वी कोना पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है। बप्पा की मूर्ति को भी घर के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थापित करें। लेकिन ध्यान रहे कि भगवान गणेश की मूर्ति को कभी भी घर के दक्षिण में नहीं रखना चाहिए।
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