Ashad Maas 2024: 23 जून से शुरू होने जा रहा आषाढ़ माह, जानें क्या करें और क्या नहीं
आषाढ़ माह 21 जुलाई तक रहेगा। आषाढ़ माह का धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। यह माह श्री हरि को समर्पित है। इस माह में दान-धर्म करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही तर्पण करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। आषाढ़ माह की देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं।
Publish Date: Tue, 18 Jun 2024 12:11:06 PM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Jun 2024 01:49:45 PM (IST)
प्रतीकात्मक फोटो। आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी की आराधना से कष्टों से मुक्ति मिलती है।HighLights
- आषाढ़ माह में नहीं किए जाते मांगलिक कार्य
- भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का करना चाहिए पूजन
- सूर्य को जल चढ़ाने से मिलती है रोगों से मुक्ति
Ashad Maas धर्म डेस्क, इंदौर। आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। यही वह महीना है जब जगत के पालनहार भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से 4 महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद शादी विवाह जैसे कोई मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते। हालांकि श्री हरि का पूजन इस दौरान शुभ फलदायी माना गया है।
कब शुरू होगा आषाढ़ माह
हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का चौथा महीना है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी इस माह का विशेष महत्व है। इस साल आषाढ़ माह 23 जून से शुरू होगा और 21 जुलाई को खत्म होगा।
मान्यता है कि आषाढ़ माह में भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही इस माह में दान-धर्म का भी विशेष महत्व है। आषाढ़ माह में भगवान सूर्य देव के पूजन से रोग से भी मुक्ति मिलती है।
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आषाढ़ माह में क्या ना करें
- आषाढ़ माह में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
- इस माह बासी खाना खाने से बचना चाहिए।
- आषाढ़ माह में जल का अपमान करना अशुभ माना गया है। इस समय पानी की बर्बादी करने से बचें।
- आषाढ़ माह में तामसिक चीजें जैसे शराब और मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या रखें नियम
- अषाढ़ माह में तर्पण, स्नान और दान करना शुभ माना गया है। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
- अषाढ़ माह में पूजा-पाठ और हवन करना चाहिए।
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