Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर बरसेगी बप्पा की कृपा, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं?
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त 2025 को दोपहर 03:44 बजे समाप्त होगी। इस आधार पर गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। उत्सव के दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
Publish Date: Thu, 21 Aug 2025 08:44:43 AM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Aug 2025 10:59:05 AM (IST)
Ganesh Chaturthi 2025: इस दिन क्या करें और क्या नहीं?HighLights
- Ganesh Chaturthi 2025- तिथि और शुभ मुहूर्त।
- गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi)
- गणेश चतुर्थी के पर्व पर क्या करें और क्या न करें।
धर्म डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करता है, उसके जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है। साल 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष संयोग लेकर आ रहा है। आइए जानते हैं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व।
Ganesh Chaturthi 2025- तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।
गणेश चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति पूजन के बिना अधूरी मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की आराधना करने से घर-परिवार में सुख-शांति आती है, आर्थिक संकट दूर होते हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi)
- गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
- शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
- वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
- सबसे पहले 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
- भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
- भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
- इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
- अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।
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इस दिन क्या करें और क्या न करें
- गणेश चतुर्थी पर झूठ न बोलें और विवाद से बचें।
- चंद्र दर्शन से परहेज करें, वरना कलंक का दोष लग सकता है।
- इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।