Ganesh Ji Puja Niyam: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है। हर मंगल कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश के कई सारे नाम हैं। उन्हें गणपति, सिद्धि विनायक, मूषक नाथ और बप्पा भी कहा जाता है। कहा जाता है कि भगवान गणेश भक्तों के हर कष्ट दूर करते हैं। गणेश जी की कृपा हासिल करने के लिए लोग पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक विद्वानों के अनुसार भगवान शिव की तरह ही गणपति भी स्वभाव में काफी सरल हैं। लेकिन उनकी पूजा में कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। ऐसा न करने पर वे क्रोधित हो जाते हैं।
शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश की पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है और मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। इस प्रकार मां लक्ष्मी, भगवान गणेश के लिए माता समान हुईं। उनकी तुलसी का अर्पण गणेश जी के सामने कभी नहीं करना चाहिए।
भगवान गणेश की पूजा में काले रंग की चीजें शामिल नहीं करना चाहिए। ये सभी चीजें यम की निशानी मानी जाती हैं, जो कि अशुभ होती हैं। गणपति की पूजा में केले के पत्ते भी शामिल नहीं करने चाहिए। केले के पौधे में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसलिए गणेश जी अपनी पूजा में केले के पत्ते देख नाराज हो जाते हैं।
अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उन्हें मोदक बनाकर अर्पित करें। मोदक यानी लड्डू उन्हें बेहद पसंद हैं। पूजा की थाली में मोदक देखकर वे प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा आप पूजा की थाली में दुर्वा घास, पीला धागा, कच्ची हल्दी भी शामिल कर सकते हैं। भगवान गणेश की पूजा के बाद दुर्वा घास और कच्ची हल्दी को अपनी तिजोरी में रख लें। इससे आपके धन में वृद्धि होगी।
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