धर्म डेस्क। वास्तु शास्त्र को प्राचीन भारतीय विद्या माना जाता है, जिसमें घर, कार्यक्षेत्र और अन्य इमारतों के निर्माण से जुड़े नियम बताए गए हैं। माना जाता है कि यदि इन नियमों का पालन किया जाए, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं इन सिद्धांतों की अनदेखी करने पर वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जो जीवन में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है विशेषकर धन हानि और मानसिक तनाव का कारण बनता है।
वास्तु शास्त्र में दिशाओं को विशेष स्थान दिया गया है। कहा गया है कि घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में बनवाना अशुभ माना जाता है। इस दिशा में बने द्वार से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसी प्रकार तुलसी का पौधा भी घर में बहुत पवित्र माना जाता है, लेकिन इसे कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। तुलसी का स्थान सदैव उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक हानि से बचाव होता है।
कहा जाता है कि घर में वास्तु दोष होने से व्यक्ति का धन रुकने लगता है और अक्सर खर्चे बढ़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि घर की सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, किचन या टॉयलेट बना दिया जाए, तो यह गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। इससे परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसी प्रकार किचन का टॉयलेट के पास होना भी ठीक नहीं माना जाता, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार की तरक्की में बाधा आती है।
वास्तु शास्त्र में घर की साफ-सफाई और रख-रखाव पर भी विशेष जोर दिया गया है। यदि आपके घर में कहीं से पानी का नल लगातार टपक रहा है, तो यह धन हानि का संकेत माना जाता है। पानी की बर्बादी न केवल संसाधनों का नुकसान करती है, बल्कि यह धीरे-धीरे परिवार की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करती है।
घर का मुख्य द्वार भी वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इस कारण मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा और मजबूत होना चाहिए। यदि द्वार के आसपास गंदगी हो या दरवाजा टूटा-फूटा और अव्यवस्थित हालत में हो, तो यह अशुभ प्रभाव डालता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है।
घर के अंदर रखी वस्तुओं का भी वास्तु पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बंद पड़ी घड़ियां, टूटा हुआ शीशा, फटे या टूटे बर्तन और खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान न केवल घर की सुंदरता खराब करते हैं, बल्कि इन्हें नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है। लंबे समय तक ऐसी वस्तुओं को घर में रखने से धन की कमी महसूस होने लगती है और आर्थिक हानि हो सकती है।
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वास्तु शास्त्र केवल घर बनाने के नियम नहीं बताता, बल्कि यह जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने का मार्गदर्शन करता है। छोटे-छोटे नियमों को अपनाकर और घर की दिशा, साफ-सफाई तथा वस्तुओं की स्थिति का ध्यान रखकर हम न केवल वास्तु दोष से बच सकते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और धन की स्थिरता भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
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