Krishna Janmashtami 2023 Upay: हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात 12 बजे श्री कृष्ण की पूजा कर, अपना व्रत खोलते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। इस बार जन्माष्टमी का त्योहार 6 सितंबर को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन यदि कुछ खास उपाय कर लिए जाए तो कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। व्रत के साथ-साथ इस दिन किए गए उपाय दोगुना फल देते हैं। आइए जानते हैं कि वे उपाय कौन से हैं।
अगर धन से जुड़ी समस्याएं बनी हुई है और मेहनत के बाद भी पैसे हाथ में नहीं टिकते तो जन्माष्टमी की रात 12 बजे जिस समय श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस वक्त एक उपाय करने से ये समस्या खत्म हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी की रात 12 बजे केसर मिले दूध से भगवान कृष्ण का अभिषेक करें। कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही धन-धान्य की कमी नहीं होती।
अगर आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो इसके लिए आप जन्माष्टमी के दिन इस उपाय को कर सकते हैं। इसके लिए जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर किसी राधा-कृष्ण के मंदिर में जाएं और भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला चढ़ाएं। इस उपाय से धन लाभ के योग बनते हैं, साथ ही आर्थिक समस्या दूर होती है। जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में पीले रंग के कपड़े, फल, अनाज आदि का दान करना शुभ होता है।
अगर आपके घर में आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो जन्माष्टमी की शाम तो ये उपाय कर सकते हैं। जन्माष्टमी की शाम घर में तुलसी के पौधे के पास एक घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते हुए तुलसी की 21 बार परिक्रमा करें। इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी। परिवार में खुशहाली आएगी। साथ ही तरक्की भी होगी।
Dream Astrology: सावन के महीने में अगर सपने में दिखे ये चीजें, तो समझें प्रसन्न हैं आपसे महादेव
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'