Panch Yoga: आपकी कुंडली में हैं ये पंच महापुरुष योग तो बुलंद होंगे आपकी किस्मत के सितारे
Panch Mahapurush Yog। पंच महापुरुष योग में मंगल से बनने वाला योग रूचक योग है। इस योग का निर्माण मंगल ग्रह की स्थिति के आधार
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 20 Feb 2023 10:27:43 AM (IST)
Updated Date: Mon, 20 Feb 2023 10:27:43 AM (IST)

Panch Mahapurush Yog। भारतीय ज्योतिष में 9 ग्रहों और 12 राशियों के अलावा 27 नक्षत्रों का भी विशेष स्थान है और गतिशील ग्रहों और नक्षत्रों के कारण कई अद्भुत योग निर्मित होते हैं, जिससे कुंडली में ग्रहों की दशा, उनका आपस में संबंध, नक्षत्र, योग और इंसान के जीवन की दशा तय होती है। ज्योतिष के मुताबिक इंसान का भाग्य उसके जन्म के साथ ही तय हो जाता है। ज्योतिष के मुताबिक पंच महापुरुष योग को काफी शुभ माना जाता है। किसी भी जातक की लग्न कुंडली में यदि 1 से ज्यादा पंच महापुरुष योग होते हैं तो ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पंचमहापुरुष योग कौन कौन से हैं और ये कब असरदार होते हैं -
रूचक योग
पंच महापुरुष योग में मंगल से बनने वाला योग रूचक योग है। इस योग का निर्माण मंगल ग्रह की स्थिति के आधार पर होता है। किसी जातक की कुंडली में मंगल स्वराशि मेष या वृश्चिक, उच्च राशि मकर में होकर पहले, चौथे, 7वे या 10वें भाव में प्रवेश करें तो रूचक योग बनता है। इससे जातक बलशाली, ऊर्जावान और पराक्रमी बनता है। इस योग वाले लोग पुलिस या सेना में बड़े ओहदों पर रहते हैं।
भद्र योग
पंच महापुरुष योग में बुध से बनने वाला योग भद्र योग होता है। कुंडली में बुध स्वराशि मिथुन या कन्या, उच्च राशि कन्या में हो तब भद्र योग का निर्माण होता है। इससे व्यक्ति बुद्धिमान होने के साथ-साथ वाक कला में भी माहिर होता है। अच्छा वक्ता और लेखक भी होता है। ये लोग काफी विनम्र होते हैं।
हंस योग
पंच महापुरुष योग में बृहस्पति से बनने वाला योग हंस योग कहलाता है। जब बृहस्पति स्वराशि धनु या मीन या फिर अपनी उच्च राशि कर्क में होकर कुंडली के पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में बैठा हो तो हंस योग निर्मित होता है। जातक अध्यात्म के क्षेत्र में उच्च पद को पाता है और ईश्वर की कृपा से काफी मान-सम्मान प्राप्त होता है। ऐसे लोग आमतौर पर मैनेजर या शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाते हैं।
मालव्य योग
पंच महापुरुष योग में शुक्र ग्रह के कारण मालव्य योग निर्मित होता है। जब शुक्र वृषभ और तुला या फिर उच्च राशि मीन में होकर कुंडली के पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में बैठा हो तो इस योग का निर्माण होता है। ऐसे लोग दिखने में काफी आकर्षक होते हैं। प्रेम संबंध और दांपत्य जीवन का सुख अच्छा मिलता है। कला के क्षेत्र में ऐसे लोग सक्रिय रहते हैं।
शश योग
पंच महापुरुष योग में आखिरी शश योग शनि ग्रह की स्थिति से निर्मित होता है। जब शनि स्वराशि मकर और कुंभ में हो या उच्च राशि तुला में हो और कुंडली के पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में बैठा हो तो इस योग का निर्माण होता है। शश योग वाले जातक उच्च पदों पर आसीन होते हैं और ये लोग वैचारिक रूप से प्रबुद्ध होते हैं। शनि महाराज की कृपा से बनी रहती है।
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