Pitru Paksha 2025: जानिए कब से कब तक हैं पितृ पक्ष? ऐसे करें पितरों का तर्पण और श्राद्ध
Pitru Paksha 2025 Date: पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत रविवार, 07 सितंबर से होगी और समाप्ति 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या पर होगी। इस दौरान पितरों के श्राद्ध, तर्पण और दान के नियमों का पालन कर उनकी आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए विशेष कर्मकांड किए जाते हैं।
Publish Date: Sun, 10 Aug 2025 03:34:03 PM (IST)
Updated Date: Sun, 10 Aug 2025 04:02:27 PM (IST)
Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत और पितरों के श्राद्ध, तर्पण और दान के नियमों की पूरी जानकारी।HighLights
- पितृ पक्ष 2025 की तिथि और समय।
- जानिए श्राद्ध के सही नियम और परंपराएं।
- तर्पण के महत्व और विधि की जानकारी।
धर्म डेस्क। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 07 सितंबर 2025 को देर रात 01:41 बजे प्रारंभ होगी और उसी दिन रात 11:38 बजे समाप्त होगी। ऐसे में रविवार, 07 सितंबर से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025 Date) की शुरुआत होगी, जो 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के साथ समाप्त होगा। यह अवधि पितरों की स्मृति में श्राद्ध और तर्पण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
श्राद्ध के नियम और परंपराएं
- सही तिथि: पितरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि पर किया जाता है। यदि तिथि ज्ञात न हो, तो सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करना उत्तम है।
- ब्राह्मण भोजन: श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान-दक्षिणा देना पितरों की आत्मा को शांति देने वाला माना जाता है।
- तर्पण: प्रतिदिन जल, तिल और कुशा से पितरों का तर्पण करें। तर्पण करते समय उनका नाम लेकर जल अर्पित करना जरूरी है।
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- पवित्रता: इस समय सात्विक भोजन बनाना चाहिए और मांस, मदिरा, तथा तामसिक आहार से बचना चाहिए।
- दान: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करना पितरों की तृप्ति के लिए लाभकारी है।
- पवित्र स्थान: गंगा घाट या अन्य पवित्र स्थानों पर श्राद्ध करना विशेष फलदायी माना जाता है।
पितृ पक्ष का महत्व यही है कि इस दौरान श्रद्धा और विधि से किए गए कर्मकांड पितरों को तृप्त करते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लाते हैं।
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