नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर, Sawan Month 2025: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित अमृतेश्वर मंदिर पर चल रही शिव महापुराण के दूसरे दिन की कथा में कथावाचक पंडित श्रीनिवास शास्त्री भगवान शिव के अजर-अमर होना, कालों के काल होना, और विनोदशील स्वभाव का वर्णन किया।
उन्होंने भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए कहा कि कैसे शिव की भक्ति से जीवन के तीनों तापों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं ने शिवपुराण कथा में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण क पूजन किया।
शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव अजर-अमर हैं। भगवान शिव काल के भी काल हैं, अर्थात उन पर किसी भी प्रकार का कोई बंधन नहीं है। इसके अलावा भगवान शिव के विनोदशील स्वभाव हैं।
उन्होंने आगे कहा कि शिव सदैव प्रसन्न रहते हैं और उनकी मनःस्थिति कभी भी परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होती। जो व्यक्ति भगवान शिव की भक्ति करता है, उसे जीवन के तीनों तापों से मुक्ति मिलती है।
यह भी बताया जाता है कि शिव महापुराण का पाठ करने व श्रवण करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उसका कल्याण होता है।
उन्होंने बताया श्रावण के महीने में बेलपत्र भगवान शिव पर चढ़ने का बड़ा महत्व है। वही भगवान शिव का दूध से अभिषेक और पूजन करने से घर के क्लेश दूर होते हैं।
पंडित श्रीनिवास शास्त्री ने आज की कथा में शिव शक्ति विवाह का चरित्र और चंद्र देव की 27 पत्नी की कथा एवं भगवान सोमनाथ की गुजरात में स्थापना कैसे हुई इसका भी प्रसंग सुनाया।