Shardiya Navratri 2025: अष्टमी और नवमी को भूलकर भी न करें ये गलती, जानें नवरात्र का व्रत खोलने का तरीका
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इन दिनों व्रत का पारण करने से साधक को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। इस बार शारदीय नवरात्र 2025 में अष्टमी पूजन 30 सितंबर को और नवमी पूजन 1 नवंबर को किया जाएगा।
Publish Date: Mon, 29 Sep 2025 04:32:33 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Sep 2025 04:32:33 PM (IST)
Shardiya Navratri 2025: नवरात्र का व्रत खोलने का तरीकाधर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इन दिनों व्रत का पारण करने से साधक को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। इस बार शारदीय नवरात्र 2025 में अष्टमी पूजन 30 सितंबर को और नवमी पूजन 1 नवंबर को किया जाएगा। आइए जानते हैं, किस प्रकार विधिपूर्वक व्रत का समापन करना चाहिए।
इस तरह करें नवरात्र व्रत पारण
- अष्टमी या नवमी के दिन प्रातः स्नान आदि करके पूरे परिवार के साथ माता रानी की पूजा करें।
- माता को हलवा, पूरी और काले चने का भोग अर्पित करें।
- लाल या पीले फूल चढ़ाएं और दीपक जलाकर माता की आरती करें। इसके बाद प्रसाद सबमें बांटें।
कन्या पूजन का महत्व
- पूजा के बाद घर पर 7, 9 या 11 कन्याओं को आमंत्रित करें। परंपरा के अनुसार, एक लांगूर (बालक) को भी बुलाना शुभ माना जाता है।
- श्रद्धा और आदर से उनका स्वागत करें, उन्हें भोजन कराएं।
- भोजन के बाद कन्याओं और लांगूर को उपहार, वस्त्र या दक्षिणा देकर विदा करें और उनका आशीर्वाद लें।
अन्य धार्मिक कार्य
- इस दिन हवन अवश्य करना चाहिए।
- साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ या मां दुर्गा के मंत्रों का जप करने से देवी प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
- कन्या पूजन के समय जल्दबाजी न करें।
- आमंत्रित कन्याओं को कभी भी खाली हाथ न भेजें।
- अपनी क्षमता अनुसार उन्हें उपहार या धन अवश्य दें और प्रसाद भी बांटें।
- व्रत खोलने के बाद भी पूरे दिन केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
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