Shradh Kab Karna Chahiye: किसी के निधन के बाद कब करना चाहिए श्राद्ध, पं. अजय पंड्या से जानिए
Pitru Paksha 2024: पीढ़ी परिवर्तन के साथ पितृ पक्ष को लेकर सही-सही जानकारियों का अभाव देखा जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर यह बताया जाए कि शास्त्रों के अनुसार सही क्या है। यह सवाल अक्सर उठता है कि किसी के निधन के बाद कब से श्राद्ध शुरू करना है।
Publish Date: Wed, 18 Sep 2024 09:00:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 18 Sep 2024 09:00:00 AM (IST)
सनातन परंपरा में श्राद्ध का बहुत महत्व है।HighLights
- 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष की शुरुआत बुधवार से
- पितरों की संतुष्टि के लिए किए जाते हैं कार्य
- श्राद्ध कर्म के लिए सही जानकारी होना जरूरी
धर्म डेस्क, इंदौर। पितृ पूर्णिमा से 16 पक्षीय श्राद्ध पक्ष का प्रारंभ बुधवार से हो रहा है। सनातन धर्म में महालय पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय में तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि करने से जातक के पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य अजय पंड्या ने बताया कि वर्तमान में कुछ भ्रांतियां चली आ रही हैं। कई लोग स्वजन की मृत्यु के पश्चात प्रथम वर्ष में श्राद्ध कर देते हैं या कभी करते ही नहीं। कई लोग तीसरे वर्ष में श्राद्ध करते हैं।
पारिवारिक रीति रिवाज या गलत जनकारी से वह तीसरे वर्ष में पितृ की मृत्यु तिथि को छोड़कर पूर्णिमा के दिन पितृ की आत्मा शांति के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं। पं. अजय पंड्या के अनुसार, पूर्णिमा पर नहीं, तीसरे वर्ष में मृतक की पुण्यतिथि पर श्राद्ध करना ही शास्त्रोक्त है।
![naidunia_image]()
मृत्यु तिथि तथा पितृ पक्ष में श्राद्ध करना आवश्यक
- पं. अजय पंड्या ने बताया कि पितृपक्ष हर साल शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के साथ शुरू होकर कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलते हैं। सनातन परंपरा में मृत्यु तिथि तथा पितृ पक्ष में श्राद्ध करना आवश्यक है।
- श्राद्ध से केवल अपनी तथा अपने पितरों की ही संतृप्ति नहीं होती, अपितु जो व्यक्ति इस प्रकार विधिपूर्वक अपने धन के अनुरूप श्राद्ध करता है, वह ब्रह्मा से लेकर घास तक समस्त प्राणियों को संतृप्त कर देता है।
- पितृ पक्ष में मृत व्यक्ति की जो तिथि आए, उस तिथि पर मुख्य रूप से पावर्ण, महालया श्राद्ध करने का विधान है। किसी का भी श्राद्ध आरंभ में पूर्णिमा तिथि से करना पूर्णतया गलत है।
![naidunia_image]()